रायपुर। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सरकार की मदद करने गांवों के किसान परिवार भी आगे आ रहे हैं. फिंगेश्वर जनपद के गांव सरगोड़ की एक बुजुर्ग किसान महिला राधाबाई सिन्हा ने 10 हजार रुपए की मदद मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा की है. 85 वर्षीय राधाबाई सिन्हा ने बताया कि यह मदद उन्होंने पुरखों द्वारा तैयार की गई रामकोठी के धन से की है. उन्होंने बताया कि जरूरतमंदों की मदद के लिए उनके पूर्वजों ने परिवार में रामकोठी बनाई है, जिसमें वे अपनी खरीफ खेती की आमदानी का दसवां हिस्सा निकालते हैं। इसी रामकोठी से गांव और परिवार में होने वाले धार्मिक और मांगलिक आयोजन के साथ जरूरतमंदों की मदद में भागीदारी निभाई जाती है.

कोरोना महामारी के चलते इस साल गांव और परिवार में धार्मिक, मांगलिक और दूसरे आयोजन नहीं हो रहे हैं, इसलिए रामकोठी की वह राशि जिससे जरूरतमंदों की मदद में खर्च की जानी थी, मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर दी. राधाबाई का कहना है कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने किसानों की चिंता की है. संकट की इस घड़ी में भी किसान और किसानी को संवारने अपना वचन पूरा करने जा रही है, ऐसे में कोरोना के खिलाफ सरकार की जंग में साथ देना हम किसानों का फर्ज है.

राधाबाई ने बताया कि उनके इस निर्णय में बेटे खम्हन, मूलचंद, चंद्रप्रकाश, पुरानिक, भुनेश्वर और तुलश की सहमति रही है. बेटों ने बताया कि मां के इस नेक कार्य से उन सबने भविष्य के लिए प्रेरणा ली है, उन्हें भी इस बात का गर्व है कि वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में उनका परिवार सरकार के साथ है. वे कहते हैं कि उनका परिवार बड़ा और संयुक्त होने के साथ कृषि पर निर्भर है. सरकार ने उनकी उपज का पर्याप्त दाम दिया है. समर्थन मूल्य के अंतर की राशि को किसानों के खाते में जमा करने की घोषणा से उनके भविष्य की चिंता दूर हुई है. कोरोना के खिलाफ दिए जा रहे सरकारी निर्देशों का उनका परिवार कड़ाई से पालन कर रहा है, उन्होंने अपने रिश्तेदारों को फोन कर लाकडाउन का पालन करने का आह्वान किया है.