सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्राम होम से 745.58 करोड़ रुपए का सर्कुलर ट्रेडिंग और बोगस विक्रय दर्शाकर 118.47 करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी गई है. राज्य कर, माल एवं सेवा कर विभाग की इस बड़ी कार्रवाई पर विभागीय मंत्री टीएस सिंहदेव ने अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है.

जानकारी के अनुसार, आयुक्त, राज्य कर, माल एवं सेवा कर विभाग के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त गोपाल वर्मा के नेतृत्व में प्रवर्तन शाखा की ओर से यह कार्रवाई की गई. विभागीय टीम ने जांच में पाया गया कि राज्य के कुल जो आयरन एण्ड स्टील एवं प्लाईवुड के व्यवसाय से जुड़े 14 अस्तित्वहीन एवं अकार्यशील व्यवसायी संलिप्त हैं. इन व्यवसायियों ने बोगस बिल जारी कर राज्य और दिल्ली, केरल, उड़ीसा सहित 13 अन्य राज्यों के अन्य व्यवसायियों को 118.47 करोड़ रुपए का गलत आगत कर पासऑन किया जा रहा था.

प्रवर्तन शाखा द्वारा व्यवसायियों द्वारा पंजीयन के दौरान प्रस्तुत दस्तावेजों से मोबाइल नम्बर, पैन नम्बर और ई-मेल आईडी के आधार पर जीएसटी एवं ई-वे बिल माड्यूल्स में उपलब्ध टूल्स द्वारा ट्रैकिंग की गई, जिसमें पता चला कि 14 राज्यों में 19 पैन नम्बर का उपयोग करके अलग-अलग राज्यों में 58 पंजीयन प्राप्त किए गए, जिनमें 21 मोबाइल नम्बरों का उपयोग किया गया है.

जांच से स्पष्ट हुआ कि कुछ ही व्यक्तियों के द्वारा समस्त बोगस फर्म संचालित किए जा रहे हैं. व्यवसायियों द्वारा प्रस्तुत विवरणियों में क्रय-विक्रय संव्यवहारों का अवलोकन करने पर पाया गया कि इन व्यवसायियों द्वारा आपस में एक-दूसरे को क्रय-विक्रय दर्शाकर सर्कुलर ट्रेडिंग की जा रही है. बोगस आगत कर लेने वाले व्यवसायियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.

विभाग की इस बड़ी कार्रवाई पर मंत्री टीएस सिंहदेव ने खुशी जताते हुए कहा कि 118 करोड़ रुपए के कर चोरी की सूचना मिली है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्ण डिटेल उनके पास नहीं आया है. पूरा डिटेल आने के बाद ही मैं कुछ बोल पाऊंगा. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें जो भी शामिल है, उन सभी संस्थाओं के लाइसेंस रद्द कर ब्लैक लिस्ट किया जाएगा. इसके अलावा अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सबके लिए क़ानून बनाया और क़ानून के अंतर्गत ही कार्रवाई की जाएगी.

ट्रांजेक्शन ऑनलाइन ट्रेस किया, कार्रवाई जारी

स्टेट जीएसटी विभाग के संयुक्त आयुक्त गोपाल वर्मा ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से सभी कर्मचारी वर्क फ्रोम होम पर हैं. हमने इनका ट्रांजेक्शन ऑनलाइन ट्रेस किया है. स्पॉट वेरिफिकेशन करके इन पर कार्रवाई के लिए सभी राज्यों को पत्र लिख दिया गया है. करीब 118 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का मामला है. कार्रवाई की जा रही है.