शिवम मिश्रा, रायपुर. सांसद सोनी सोनी ने आज राज्य सरकार पर श्रमिकों के खाते में रुपए नहीं डालने का आरोप लगाया है. कई राज्य मजदूर कल्याण निधि के माध्यम से मजदूरों के खाते में रुपए डाल रहे हैं. राज्य सरकार के पास 350 करोड़ रुपए है, जिसे 18 लाख मजदूरों के खातों में डालना चाहिए. राज्य सरकार अपना काम छोड़, केंद्र से पैसों की मांग कर रही है.

सुनील सोनी ने कहा कि भारत सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इस बात की छूट दी है कि जो मजदूर कल्याण निधि है, उसके अंदर से जो लोग रजिस्टर्ड है, ऐसे मजदूरों को उनके खाते में पैसा डाल सकते हैं. दिल्ली सरकार ने 5 हजार रुपए उस निधि के तहत हर मजदूर के खाते में डाला है, और पंजाब ने 3 हजार रुपए डाला है. राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार ने भी 1-1 हजार रुपए और आंध्र प्रदेश ने 1,500 रुपए डाले हैं.

दुर्भाग्य है कि 350 करोड रुपए पड़ा है, लेकिन उन 18 लाख मजदूरों के खाते में जो की रजिस्टर्ड है, ऐसे लोगों के खाते में आज तक 1 रुपए नहीं डाला गया है, यह सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही हैं, लेकिन मजदूरों के खाते में पैसे नहीं डालेंगे, लेकिन केंद्र सरकार से पैसे की मांग करेंगे, केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करेंगे, केंद्र से 30 हजार करोड़ की मांग करेंगे.

राज्य सरकार से सांसद के नाते ये कहना चाहता हूं कि 30 हजार करोड़ आप कहां खर्च करना चाहते हैं, इस बात की जानकारी जनता को दें. अगर उचित लगेगा तो हम आपके साथ चलेंगे केंद्र सरकार से बात करेंगे. केवल मजाक बनाकर मांग करेंगे यह जो प्रवर्ति राज्य सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों बना रखी है, इससे सरकार को मुक्त होना चाहिए. कोरोना वायरस से लड़ने में राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन मजदूरों को जिन्हें पैसे की जरूरत है, उनको पैसा देना चाहिए उसे पैसा ना देकर केवल गोपनीय फंड बना कर रखते हो. अगर हम आपसे सवाल करते हैं तो आप दूसरा जवाब देते हैं.

सरकार सांसद निधि पूछती हैं तो कांग्रेस के भी 2 सांसद छत्तीसगढ़ में है, वो डिक्लेअर करे कि हमने केंद्र सरकार को 10 करोड़ दिया है कि नहीं. उसके बाद मैं खुद भारतीय जनता पार्टी के सांसदों को कहूंगा. हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि अधिकतम 7 दिन के अंदर जो पैसा है, उसे 18 लाख मजदूरों के खाते में डालने की मांग करता हूं.