दिल्ली। पूरे देश में लॉकडाउन के चलते लोग अपने अपने घरों में कैद हैं। वहीं कुछ लोग इस लॉकडाउन में भी अपनी जिजीविषा और संघर्ष की कहानियां गढ़ने में लगे हैं।

दिल्ली से सटे चरखी दादरी के संजय पेशे से रंगकर्मी हैं। वो तीन महीने पहले मुम्बई में एक फिल्म का ऑडिशन देने गये थे। इस दौरान कोरोना वायरस के चलते पेरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया और संजय मुंबई में फंसे रह गये। इस बीच वो लॉकडाउन हटने का इंतजार कर रहे थे कि उनके घर से फोन आया कि उनकी मां गंभीर रूप से बीमार हैंं। संजय ने घर जाने की काफी जुगत भिड़ाई लेकिन सफल नहीं हुए।
इसके बाद उन्होंने घर लौटने का यूनीक प्लान बनाया। पहले तो उन्होंने ओएलएक्स से पुरानी साइकिल खरीदी फिर चस साईकिल से घर के लिए निकल पड़े। आखिरकार सभी मुश्किलों का सामना करते हुए 15 दिन बाद वे चौदह सौ किलोमीटर का सफर तय करते हुए दादरी पहुंचे। एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए संजय ने दादरी के अस्पताल में अपना चेकअप करवाया और सबकुछ ठीक होने के बाद संजय सीधे अपनी मां से मिलने घर पहुंच गए। बेटे को देखकर जहां मां को तसल्ली है वहीं संजय भी मां से मिलकर बेहद खुश हैं।