कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से पेट की भूख मिटाने दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए मजदूरों की हालात बत से बत्तर होती जा रही है. हजारों मजदूर ऐसे हैं, जिनके पास न सर पर छत है न खाने की व्यवस्था है. राज्य सरकारें दावा जरूर कर रहीं हैं कि सभी मजदूरों को रोजाना भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ के इन मजदूरों की यह हालात सरकारों के दावों की पोल खोल रही है.  

शिवा यादव,सुकमा। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 953 मजदूर लॉकडाउन के कारण आंध्र प्रदेश में फंसे हुए है. इन मजदूरों के पास खाने के लाले पड़ गए हैं. खाना तो दूर रहने के लिए छत भी नहीं है. आंध्र सरकार अपने स्थानीय मजदूरों तक नगद के साथ-साथ राशन जरूर पहुंचा रही हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के मजदूरों को अपने हाल पर छोड़ दिया हैं. इन्हें किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया जा रहा है.

यहां फंसे मजदूर अपनी मजदूरी से जमा पैसों से ही खुद का पेट भर रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि अब इनके पास दो-तीन दिनों तक ही पेट भरने के लिए पैसा हैं. जिसके बाद रोजी रोटी की संकट भी मंडराने वाला है. इस हालात में मजदूर आंध्र में फंसे हुए हैं कि उनके साथ में उनके छोटे-छोटे बच्चे और भारी भरकम मिर्ची कांवर भी हैं. जिसको लाद कर सैकड़ों किलोमीटर चल पाना मुश्किल हैं. उन्हें मजबूरन यही रुकना पड़ रहा हैं. आंध्र में फंसे मजदूरों को सड़क किनारे पेड़ के नीचे ही दिन-रात काट रहे हैं.

मजदूरों का कहना है कि आंध्र की ओर से पैदल जाने वालों मजदूरों के लिए कोई रोक टोक नहीं हैं, जो पैदल जाना चाहते वो जा सकते हैं. अब मजदूर पैदल निकलने की भी तैयारी कर रहे हैं. मजदूरों ने उनके छोटे-छोटे बच्चों को दिखाकर अपने-अपने घर पहुंचने वाहन की मांग की हैं. आंध्र में मिर्ची तुड़ाई करने गए मजदूरों में बाल श्रमिक भी है.

बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के 953 मजदूर आंध्र के नेल्लीपाका, नंदीगांम, तोटापल्ली, रायनपेंटा, गुंडाला, सोडारम, गन्नावरम और कासाराम में फंसे हुए हैं. जितने मजदूर यहां फंसे है वो आंध्र के ऐटापाका ब्लाक के ग्राम पंचायत नेल्लीपाका के आस पास के आठ ग्रामों की संख्या हैं. इसके अलावा अन्य ग्रामों में सैकड़ों की संख्या छत्तीसगढ़ के मजदूर फंसे हैं.

इस संबंध में कोंटा एसडीएम हिमांचल साहू ने कहा कि मजदूर सीमावर्ती राज्यों के अलावा पूरे देश के विभिन्न जगहों में फंसे हैं. देश में लॉकडाउन जारी हैं. फंसे मजदूरों की जानकारी कलेक्टर के संज्ञान में लाकर राज्य शासन के निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.