सत्यपाल सिंह,रायपुर। कोरोना के कहर के बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आलम यह है कि आम जनता नगर निगम के नल से बदबूदार गंदा पानी ही पीने को मजबूर है. पीलिया से एक गर्भवती महिला की मौत भी हो चुकी है, इसके बावजूद निगम के अधिकारियों ने इसकी व्यवस्था को नहीं सुधारी है. अब इसे अधिकारियों की अनदेखी कहें या फिर अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना हरकत. क्योंकि इसी गंदे पानी पीने की वजह से पीलिया की मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसका जिम्मेदार कौन है ? राजधानीवासियों के घरों तक निगम के नल से बदबूदार गंदा मटमैला पानी आखिर कब तक आते रहेगा ? उन्हें इससे कभी निजात मिलेगा भी या नहीं ?

दरअसल रायपुर के पुरानी बस्ती खो-खो पारा के नलों से यह गंदा पानी निकल रहा है. सुबह जब मोहल्ले के लोग पानी भरने आए, तो मटमैला गंदा पानी ही नसीब हुआ. निगम कही उनकी बातों को नजर अंदाज न करें, इसलिए लोगों ने नल से गंदा पानी आने का बकायदा वीडियो भी बनाया. जिससे निगम के अधिकारियों को सबूत के तौर पर दिखाया भी जा सके. ऐसे ही राजधानी के कई वार्ड और मोहल्ले हैं, जहां गंदा पानी निकल रहा है.

जब हमने वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को ढूंढा, तो पता चला कि इसे गौरव झा नाम के व्यक्ति ने अपने कैमरे में कैद किया है. उनसे बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि नगर निगम के नलों से बीच-बीच में ऐसे गंदा पानी आता रहता है. इसकी कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. गौरव ने वीडियो बनाने के पीछे की वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि इस वीडियो को फेसबुक में अपलोड़ करने के बाद मोहल्ले और वार्ड में रहने वाले लोग इसे देख सके. फेसबुक में ऐसे कई वीडियो-फोटोज देखने को मिल जाएगा. लोग अपने-अपने घर में आ रहे गंदे पानी का वीडियो अपलोड करते रहते हैं.

बता दें कि राजधानी रायपुर में पीलिया अपना कहर बरपा रहा है. पीलिया की चपेट में अब तक 674 लोग आ चुके हैं. जबकि एक गर्भवती महिला की मौत भी हो चुकी है. इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन नहीं जागा, तो कब इस कुंभकर्णीय नींद से जागेगी. हालांकि निगम ने 1 मई से 25 मई तक नाली सफाई अभियान चलाने की बात जरूर कही है.

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