रायपुर। कोरोना संक्रमण के बीच एक नई तरह की बीमारी भी आ गई. इस बीमारी का नाम कावासाकी है. वहीं एक और देश का प्रधानमंत्री कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया है. कोरोना से जुड़ी तमाम ख़बरें आप यहाँ विस्तार से पढ़ सकते हैं और नीचे लिंक क्लिक मेडिकल बुलेटिन में देख सकते हैं….
रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन संक्रमित
दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गजों को अपनी चपेट में लेने के बाद अब कोरोना ने रूस के प्रधानमंत्री पर अटैक बोला है. रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. मिशुस्तीन ने खुद इस बात की जानकारी दी. इसके बाद दुनियाभर के नेता पीएम मिशुस्तीन के जल्द सेहतमंद होने की दुआ मांग रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बेहतर सेहत की कामना की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लिखा, ‘जल्दी ठीक होने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रूसी पीएम मिखाइल मिशुस्तीन को मेरी शुभकामनाएं. हम कोरोना (COVID-19) महामारी को हराने के प्रयासों में अपने करीबी मित्र रूस के साथ खड़े हैं.’ आपको बता दें कि रूस में अब तक 106,498 मामले और 1,073 कोरोनो वायरस से संबंधित मौतें दर्ज की हैं.
भारत में संख्या 35 हजार के पार
भारत में कोरोना संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1993 नए मामले सामने आए हैं, 73 लोगों की मौत हो गई है। शुक्रवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 35043 हो गए हैं और इस खतरनाक कोविड-19 से अब तक 1147 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कुल 35043 केसों में 25007 एक्टिव केस हैं, वहीं 8889 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। कोरोना वायरस से सर्वाधिक 459 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 12730 हो गई है। जबकि पूरी दुनिया में कोरोना से अब तक 230,615 मौतें हो चुकी हैं तो वहीं 3,247,648 मामले सामने आ चुके हैं. इन सबके बीच छत्तीसगढ़ की बात करे तो अब कुल 40 संक्रमित मिल चुके हैं. इनमें 36 लोगों स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 4 लोगों का इलाज एम्स में चल रहा है.
देश भर के जिलों को तीन जोन में बाँटा गया
देश भर कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से 3 मई के बाद यानी अगले हफ्ते के लिए जिलों को अलग-अलग हिसाब से बांटने का काम किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश सभी जिलों को तीन कैटेगरी में बांट दिया है- रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन। स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा केस की संख्या, डबलिंग रेट और टेस्टिंग के हिसाब से जिलों की नई सूची तैयार की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जिन जिलों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और नए मरीज सामने आ रहे हैं, उस जिले को रेड जोन में रखा गया है। वहीं, जिन जिलों में बीते 21 दिनों में एक भी नया मामला सामने नहीं आया है, उसे ग्रीन जोन में रखा गया है। देश में अभी 130 जिले रेड जोन में, 284 आरेंज और 319 ग्रीन जोन में हैं। छत्तीसगढ़ की बात करे तो प्रदेश में रायपुर को रेड जोन में रखा गया है, जबकि ऑरेंज जोन में कोरबा जिला है. बाकी शेष 26 जिला ग्रीन जोन में है.
यूरोप में कोरोना के बीच नई बीमारी कावासाकी
यूरोप में अभी कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है, इस बीच वहां के बच्चों में एक नई बीमारी सामने आई है. करीब 12 ब्रिटिश बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हुए है. इनके शरीर में चारों तरफ लाल रंग के चकत्ते निकल आए हैं. बच्चे शॉक में हैं और डॉक्टर परेशान कि आखिर ये बीमारी है क्या? डॉक्टर इसलिए परेशान हैं कि कहीं इस बीमारी का कोरोना वायरस से तो कुछ लेना-देना नहीं है.कुछ डॉक्टरों का मानना है कि यह कावासाकी बीमारी (Kawasaki Disease) की तरह है. या वही है. कावासाकी बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होती है. इसे म्यूकोक्यूटेनियस लिंफ नोड सिंड्रोम (Mucocutaneous Lymph Node Syndrome) भी कहते हैं.इस बीमारी में बच्चों लगातार बुखार रहता है. आंखें लाल हो जाती हैं. गले और जबड़े के आसपास सूजन, दिल की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करतीं, फंटे हुए होंठ, त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते या सूखे के निशान, जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर की उंगलियों में सूजन और डायरिया.कावासाकी बीमारी की वजह से बच्चे गंभीर डायरिया से पीड़ित हो सकते हैं. यूरोप के नेशनल हेल्थ मिशन ने कहा है कि जिस बच्चे में ऐसे लक्षण दिखाई दें, उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाएं. जांच कराएं और इलाज कराएं.कावासाकी बीमारी को ठीक करने के लिए इंट्रावीनस इम्यूनोग्लोबुलिन एंटीबॉ़डी और एस्पिरिन ही दो दवाएं हैं. बच्चों को देखकर डॉक्टर बोल रहे थे कि बच्चों के बुखार को देख कर ऐसा लगता है कि उनकी नसों में खून नहीं आग बह रही हो.पहली रिपोर्ट यूके से आई. जहां 12 मामले हैं. इसके बाद फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिविर वेरान ने बताया कि उनके देश में भी 15 बच्चे ऐसी ही बीमारी से जूझ रहे हैं. इतना ही नहीं, स्पेन, इटली, स्विट्जरलैंड और अमेरिका से भी ऐसे मामलों की जानकारी मिली है.कावासाकी बीमारी में खून की नसें सूज जाती हैं. उनमें जलन होने लगती है. इसकी वजह से शरीर में कई प्रकार के खतरनाक लक्षण दिखाई देते हैं.
रायपुर में पीलिया का कहर जारी
कोरोना के कहर के बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आलम यह है कि आम जनता नगर निगम के नल से बदबूदार गंदा पानी ही पीने को मजबूर है. पीलिया से एक गर्भवती महिला की मौत भी हो चुकी है, इसके बावजूद निगम के अधिकारियों ने इसकी व्यवस्था को नहीं सुधारी है. अब इसे अधिकारियों की अनदेखी कहें या फिर अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना हरकत. क्योंकि इसी गंदे पानी पीने की वजह से पीलिया की मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसका जिम्मेदार कौन है ? राजधानीवासियों के घरों तक निगम के नल से बदबूदार गंदा मटमैला पानी आखिर कब तक आते रहेगा ? उन्हें इससे कभी निजात मिलेगा भी या नहीं ?