रायपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन में स्कूल बंद हैं. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग की ऑनलाइन ई-लर्निंग साइट ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ की बदौलत लाखों बच्चें और शिक्षक घर में रहकर अध्ययन-अध्यापन कर रहे है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्मित इस वेब साइट के संचालन में अभी तक 3,48,631.54 रुपए ही खर्च हुए हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोविड-19 संक्रमण के बचाव के उपायों के तहत स्कूली बच्चों को घर पर ही रहकर पढ़ने के लिए 7 अप्रैल को वेब पोर्टल ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ शुरू किया था, इसके शुरू होने के बाद से अब तक इसमें 21 लाख 26,791 छात्र-छात्राएं और एक लाख 88,900 शिक्षक-शिक्षिकाएं पंजीकृत होकर ऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन कर रहे हैं.

देश में अपने तरह का यह पहला बड़ा ऑनलाईन एजुकेशन प्लेटफार्म है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के छात्रों के अलावा अन्य हिन्दी भाषी राज्यों के छात्रों के लिए भी बहुत ही उपयोगी है. इसमें पीडीएफ फार्मेट में पाठ्य पुस्तकें, ऑडियो तथा वीडियो लेसन उपलब्ध कराए गए है, जिसे छात्र बिना किसी फीस के लाभ उठा रहे हैं.

यही नहीं इस पोर्टल में होमवर्क तथा होमवर्क को ऑनलाइन जांचने की सुविधा भी है. बच्चे अपनी शंकाओं का समाधान भी ऑनलाईन कर पा रहे है. छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों एवं विषय शिक्षकों की कमी वाली शालाओं के लिए भी यह यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी साबित हो रहा है.

इस पोर्टल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे विभाग ने बिना किसी बाहरी मदद के स्वयं तैयार किया है. इसकी प्रोग्रामिंग विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने एनआईसी के प्रोग्रामरों के साथ मिलकर की है. यह योजना http://cgschool.in वेबसाइट पर उपलब्ध है.

बता दें कि http://cgschool.in निजी डोमेन नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने मात्र 6658 रुपए में 10 वर्षों के लिए खरीदा है. इस डोमेन पर पूरी तरह से छत्तीसगढ़ शासन का अधिकार है. इस पोर्टल के में पंजीकृत विद्यार्थी, शिक्षक और पेज व्यू की संख्या आसानी से देखी जा सकती है.