दिल्ली। रेलवे ने एक कदम उठाकर अपनी फजीहत करा डाली है। गरीब मजदूरों को उनके राज्य भेजने के नाम पर रेलवे ने 800 रूपये तक वसूल डाले। इस पर राजनीतिक घमासान तो मचा ही है। अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हो गई है।
दरअसल, लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनकी घर वापसी के लिए मुफ्त में यात्रा की व्यवस्था करने के बजाय रेलवे ने इनसे जमकर पैसे वसूले। इसको लेकर देश मे बवाल मच गया है। अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया है कि जिनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। ऐसे में उन गरीब मजदूरों से भारी भरकम किराया नहीं वसूला जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक याचिका के साथ हलफनामा दाखिल कर यह मांग की गई। याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व निदेशक जगदीप एस छोकर और वकील गौरव जैन हैं। इन्होंने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दिशा निर्देश जारी करने की मांग की है। उन्होंने याचिका में बताया कि मजदूरों से 800 रुपये तक किराया वसूला गया है, जो सही नहीं है। दोनों ने यह याचिका पहले ही दी थी, जिसमें लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान श्रमिकों की घर वापसी की मंजूरी देने की अपील की गई थी। देश की सर्वोच्च अदालत ने 27 अप्रैल को इस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।