सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर. राजधानी में लगातार पीलिया मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद पीलिया पैर पसारता ही जा रहा है. बढ़ते हुए मरीजों की तादात ने स्वास्थ्य कर्मियों का जीना मुश्किल कर दिया है. बदलते हुए इस दौर में एक ओर जहां मल्टीस्पेशलटी अस्पतालों में इलाज की होड़ लगी हुई है तो वहीं विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली में से एक आयुर्वेद ने भी इसका इलाज काफी पहले खोज निकाला है. आयुर्वेद के माध्यम से पीलिया के मरीजों को केवल 10 दिनों में ही ठीक किया जा सकता है. साथ ही इस बीमारी को जड़ से खत्म होने में पूरे 1 महीने का समय लगता है.

राजधानी के डॉ, सुरेश वर्मा पीलिया का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से ही करते आ रहे हैं और अब तक बहुत सारे मरीजों को पूरी तरह से स्वस्थ्य कर चुके हैं. अभी 40 पीलिया पीड़ित को ठीक कर चुके हैं. डॉ सुरेश वर्मा बताते हैं कि पीलिया के मरीजों को आयुर्वेदिक दवाईयां दी जाती है और उनकी पाचन क्रिया पर भी ध्यान दिया जाता है जिससे पीलिया धीरे-धीरे बाहर निकल जाता है. पीलिया की तीन तरह की समस्या होती है, आंखों में पीलापन होना, पेशाब पीला होना और बुखार आना. पीलिया के मरीजों को दीपन पाचन नाम की दवाई दी जाती है, जो भूख को बढ़ाता है. इसके साथ ही और भी दवाइयां दी जाती है जो मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार करता है. पीलिया में खून की कमी होना लाजमी है, पीलिया के मरीजों को खून बढ़ाने में मदद करने वाली टॉनिक भी दी जाती है.

खान-पान में दें विशेष ध्यान 

डॉ, सुरेश वर्मा ने बताया कि पीलिया के मरीजों के खान-पान में भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है. उन्हें ये जरूरी है कि वे बाहर का कुछ ना खाए, संतरा और गन्ने के रस का सेवन कर सकते है. साथ ही मरीजों को मिर्च मसाले वाले खाने से बचना चाहिए. रायपुर में पीलिया फैलने की समस्या का मुख्य कारण गंदा पानी है.लोगों से अपील है कि पानी को कम से कम 20 मिनट तक उबाल कर पिए और क्लोरिन युक्त पानी पीते है तो ध्यान रखें कि पानी में ज्यादा मात्रा में क्लोरिन ना मिला हो, क्योंकि यह भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.