रायपुर। छत्तीसगढ़ी के सबसे चर्चित कवि रहे पद्मश्री पं. श्यामलाल चतुर्वेदी की एक कविता संग्रह है ‘पर्रा भर लाई’. इसमें एक कविता है…जबर पुस्टई भरे छत्तीसगढ़ के बासी म. छत्तीसगढ़ियों का सबसे प्रिय भोजन बासी का आनंद वही जानता है जो इसका सेवन करता है. क्या गरीब और क्या अमीर हर वर्ग के लोगों में छत्तीसगढ़ी खाना बोरे-बासी खासा महत्व है. बासी तो प्रायः हर मौसम में गाँव के लोग सुबह के वक्त तो खाते ही हैं. लेकिन शहर में रहने वाले छत्तीसगढ़िया भी बासी का आनंद समय-समय पर लेते ही रहते हैं. विशेष कर गर्मियो के मौसम में शहरी लोग भी बोरे-बासी बड़े चाव से खाते हैं.
इसी बोरे-बासी को देशी टॉक शो के एंकर संदीप अखिल #मोरबासी चैलेंज के सोशल मीडिया में कुछ इस तरह प्रस्तुत किया है कि आज हर कोई अखिल की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए फेसबुक पर अपनी फोटो #मोरबासी के साथ अपलोड कर रहा है. फेसबुक पर #मोरबासी चैलेंज का जादू चल गया है. लोग गर्मी के मौसम में मही-दही, पताल-मिर्ची-धनिया की चटनी, प्याज, चेंच भाजी, बोहार भाजी के साथ तो आनंद ले ही रहे हैं. फेसबुक पर बासी खाते हुए अपनी तस्वीर अपलोड कर एक दूसरे को चैलेंज भी दे रहे हैं. अगर आप भी इस चैलेंज को स्वीकार करते हैं तो अपलोड कर सकते #मोरबासी के साथ अपनी फोटो और अपने किसी भी साथी को दे सकते हैं चुनौती.
वैसे छत्तीसगढ़ी खान-पान और संस्कृति का हिस्सा बोरे-बासी लोक साहित्य और गीतों का भी हिस्सा है. बासी पर चर्चित लोक गाय रहे शेख हुसैन साहब का एक बहुत प्रसिद्ध ददरिया है. ऐसा गीत जिसे हिन्दी सिनेमा के प्रख्यात गायक उदित नारायण भी गा चुके हैं. गीत के बोल हैं—-बटकी म बासी अउ चुटकी म नून….मैं गावत हव ददरिया तय कान दे सुन रे….चना के दार….
देखिए संदीप अखिल का #मोरबासी चैलेंज
https://www.facebook.com/sandeep.akhil.35/videos/pcb.3154726697891386/3154726544558068/?type=3&theater