रायपुर- बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि रायपुर को रेड जोन से बाहर किया जाए. उन्होंने कहा है कि केवल एक पाॅजिटिव केस होने की वजह से रेड जोन में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में अकेले केवल रायपुर है, जिसे रेड जोन में शामिल किया गया है.
कोरोना वायरस संक्रमण की मौजूदा स्थिति और जरूरतों को समझने के लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों को ताकीद की है कि लगातार देशभर के सांसदों से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए चर्चा की जाती रहे. प्रधानमंत्री के निर्देशों के तहत चार केंद्रीय मंत्रियों ने सांसदों से बातचीत की. रायपुर से बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने छत्तीसगढ़ की मौजूदा स्थिति की जानकारी साझा करते हुए राजधानी रायपुर को रेड जोन से हटाए जाने की मांग रखी.
सुनील सोनी ने वीडियो कांफ्रेसिंग से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को साझा किया. उन्होंने कोरोना संकट से बचने राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों को नाकाफी बताते हुए कहा कि सरकार केवल बयानबाजी तक ही सीमित है और केवल केंद्रीय मदद मांग रही है. जबकि केंद्र सरकार ने अब तक 2743 करोड़ रूपए का टोटल ग्रांट दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत चावल-दाल, गैस-सिलेंडर जैसी चीजों का लाभ भी दिया है.
श्रमिकों के हिस्से का पैसा आखिर खातों में क्यू नहीं डाला-सोनी
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि राज्य सरकार के पास श्रम कल्याण के लिए साढ़े तीन सौ करोड़ रूपए रखा हुआ है. देश के कई राज्यों ने यह पैसा श्रमिकों के खातों में डाल दिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में श्रमिकों को इसका लाभ अब तक नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वीडियो कांफ्रेसिंग में यह मुद्दा उठा. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि दो दिन पहले ही राज्य सरकार को एक कड़ा पत्र भेजा गया है. यह पूछा गया है कि श्रमिकों के खातों में राशि डालने के लिए जब निर्देश पूर्व में दिए जा चुके थे, ऐसे में अब तक ट्रांसफर क्यूं नहीं किया गया? सुनील सोनी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि यदि केंद्र का रिमाइंडर राज्य सरकार को मिल रहा है. ये सरकार सिर्फ केंद्र से पैसे मांग सकती है.
सुनील सोनी ने कहा कि हम कोरोना वायरस संकट में हम नेतागिरी नहीं करना चाहिए. हम सहयोग करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि सरकार अच्छा काम करे. हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में आए. मजदूरों, गरीबों को राहत मिले, जो उनका हक भी है, लेकिन सरकार सुध नहीं ले रही है. इस बात पर हमे आपत्ति है.