नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक प्रार्थना सभा में देश को संबोधित कर रहे हैं. कोरोना से जंग लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में संस्कृति मंत्रालय दुनिया भर के बौद्ध संघों के सर्वोच्च प्रमुखों की भागीदारी और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संघ के सहयोग के साथ मिलकर प्रार्थना सभा आयोजित की है. इस दौरान समारोह को बिहार के बोधगया में महाबोधि मंदिर, सारनाथ में मूलगंधा कुटी विहार, नेपाल के पवित्र गार्डन लुंबिनी, कुशीनगर में परिनिर्वाण स्तूप, पवित्र और ऐतिहासिक अनुराधनापीठ में रूणवेली महा सेवा से लाइव स्ट्रीम किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि थककर रुक जाना समस्या का हल नहीं है. उन्होंने कोरोना वॉरियर्स की सराहना करते हुए कहा कि इस मुश्किल वक्त में लोग बुद्ध की राह पर दूसरों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने भगवान बुद्ध के बताए 4 सत्य यानि दया, करुणा, सुख-दुख के प्रति समभाव और जो जैसा है उसको उसी रूप में स्वीकारना, ये सत्य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं. आज आप भी देख रहे हैं कि भारत निस्वार्थ भाव से बिना किसी भेद के अपने यहां भी और पूरे विश्व में, कहीं भी संकट में घिरे व्यक्ति के साथ पूरी मज़बूती से खड़ा है. भारत आज प्रत्येक भारतवासी का जीवन बचाने के लिए हर संभव प्रयास तो कर ही रहा है, अपने वैश्विक दायित्वों का भी उतनी ही गंभीरता से पालन कर रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप सभी को और विश्वभर में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की, वेसाक उत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. भगवान बुद्ध का वचन है मनो पुब्बं-गमा धम्मा, मनोसेट्ठा मनोमया, यानि, धम्म मन से ही होता है, मन ही प्रधान है, सारी प्रवृत्तियों का अगुवा है.

देखें लाइव-