स्पोर्ट्स डेस्क- एम एस धोनी को टीम इंडिया का कूल कप्तान माना जाता है, और उन्हें अक्सर उनके कूल अंदाज, उनके निडर खेल, और किसी भी परिस्थिति में दबाव में न रहने को लेकर जाना जाता है।लेकिन अब माही ने खुद ही अपने डर और दबाव को लेकर खुलासा किया है। एम एस धोनी ने खुद भी ये बात मानी है कि उन्हें भी डर लगता है, और वो भी दबाव महसूस करते हैं।

 

दरअसल खेलों में शीर्ष प्रदर्शन हासिल करने के लिए मानसिक अनुकूलन कार्यक्रम की पेश कर रही पहल एमफोर का समर्थन करते हुए एम एस धोनी ने मानसिक स्वास्थ्य पर अपना नजरिया रखा है। एमफोर की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एम एस धोनी के हवाले से कहा गया है कि मुझे लगता है कि भारत में अब भी ये स्वीकार करना बड़ा मुद्दा है कि मानसिक पहलू को लेकर कोई कमजोरी है। लेकिन आमतौर पर हम इसे मानसिक बीमारी कहते हैं, एमफोर ने कहा कि धोनी ने कई खेलों के कोचों से बातचीत के दौरान ये टिप्पणी की है।

 

धोनी कहते हैं कि कोई भी असल में ये नहीं कहता कि जब मैं बल्लेबाजी के लिए जाता हूं तो पहली पांच से 10 गेंद तक मेरे दिल की धड़कनें भी बढ़ी होती हैं, मैं भी दबाव महसूस करता हूं, मैं थोड़ा डरा हुआ भी होता हूं, क्योंकि सभी इसी तरह महसूस करते हैं। एम एस धोनी कहते हैं ये छोटी समस्या है लेकिन कई बार हम कोच को ये कहने में हिचकते हैं और यही कारण है कि किसी भी खेल में कोच और खिलाड़ी का रिश्ता काफी महत्वपूर्ण होता है।