रायपुर। राज्य के दूरस्थ और वनांचल क्षेत्रों में लॉकडाउन की अवधि में स्कूली छात्रों की पढ़ाई को और अधिक सुगम बनाने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) कई वैकल्पिक नवाचारी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. इस दिशा में कनेक्टविटी सहित अन्य दिक्कतों को दूर करने एक दिवसीय लघु संगोष्ठी कार्यशाला का आयोजन किया गया.


स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने संगोष्ठी में बताया कि राज्य में कुछ क्षेत्र नेटवर्क विहीन है और एक बड़ी संख्या में पालकों के पास मोबाइल अथवा स्मार्टफोन नहीं है. ऐसी स्थिति में राज्य स्तर से संचालित ऐसे आईसीटी समर्थित कार्यक्रम सुविधावंचित बच्चों तक पहुंचाने में कठिनाई हो रही है. ऐसी स्थिति में राज्य में समतामूलक शिक्षा सुलभ कराने शिक्षा की वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किया जाना है. इसके लिए कुछ नवाचारी पद्धतियों को खोजकर, विकसित कर उनके क्रियान्वयन के लिए तैयारी करनी होगी.


डॉ. शुक्ला ने कहा कि नए प्रस्तावों को डिजाइन करते समय वर्तमान में उपलब्ध संसाधन, सुरक्षात्मक उपाय, बेहतर आउटपुट एवं मापदंड के भीतर विभिन्न घटकों के चयन को प्राथमिकता देनी होगी. नए प्रस्तावित मॉडल में वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों, समुदाय, सेवानिवृत्त शिक्षकों, स्थानीय समुदाय से इच्छुक व्यक्तियों के सहयोग से ऐसी प्रणालियाँ विकसित करनी होगी, जिससे बच्चों को शिक्षा लेने में स्वयं से रूचि विकसित हो. उन्हें बंधे-बंधाए प्रक्रियाओं से दूर रखकर सीखने हेतु पूरी स्वतंत्रता दी जाए और स्थानीय परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उचित शिक्षा की व्यवस्था की जा सके.

उल्लेखनीय है कि एससीईआरटी के संचालक जितेन्द्र कुमार शुक्ला द्वारा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के संयोजन में छः विषयों पर समूह चर्चा कराई गई, जिनमें फिजिकल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए अध्यापन का विकल्प, होम ट्यूशन, चलित विद्यालय, रेडियो पर पाठ का प्रसारण, बच्चों तक सीधे पहुंचने का माध्यम, स्मार्टफोन और नेट की अनुपलब्धता वाले क्षेत्र में वैकल्पिक व्यवस्था, हाईस्कूल-हायर सेकेंडरी स्कूल का संचालन तथा रोजगारमूलक व्यावसायिक प्रशिक्षण की संभावनाओं को खोजना यह विषय दिए गए. इसके अतिरिक्त शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाने नवाचारी गतिविधियों हेतु समुदाय से सुझाव आमंत्रित किये गए हैं, जिसे ई-मेल [email protected] पर भेजा जा सकता है.

राज्य स्तरीय संगोष्टी में एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक आरएन सिंह, संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, लोक शिक्षण संचालनालय के संयुक्त संचालक केसी काबरा, उप संचालक आशुतोष चावरे, तकनीकी निदेशक एनआईसी सोमशेखर, समग्र शिक्षा के डॉ. एम सुधीश, लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक अशोक नारायण बंजारा गैर शासकीय संस्थान यूनिसेफ, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, समर्थ चौरिटेबल ट्रस्ट, हुमाना प्यूपिलटू-प्यूपिल इंडिया, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस, रूम-टू-रीड, केपीएमजी, द लाइट और अन्य संस्थाओं से प्रतिनिधियों ने परिचर्चा में भाग लिया.