रायपुर- छत्तीसगढ़ बीजेपी ने कहा है कि कोरोना आपदा के बीच मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े करने के लिए राज्य सरकार ने कितनी राशि खर्च की है? श्वेत पत्र जारी कर यह बताया जाना चाहिए. बीजेपी ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की मांग करते हुए कहा है कि कोरोना की आड़ में सरकार शराब पर टैक्स लगाकर पैसा कमाना चाहती है. बीजेपी ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आज राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है, साथ ही धरना का ऐलान किया है. कोरोना की वजह से लागू किए गए धारा 144 का उल्लंघन किए बगैर बीजेपी यह धरना देगी. बीजेपी ने तय किया है कि प्रदेश भर में नेता, कार्यकर्ता अपने-अपने घरों के सामने बैठकर धरना देंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाक्टर रमन सिंह के नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय, राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद सुनील सोनी, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर समेत तमाम आला नेताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की. बीजेपी ने पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए सरकार को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग की है. ज्ञापन सौंपे जाने के बाद डाक्टर रमन सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि- राज्यपाल को हमने जानकारी दी है. गरीबों को राज्य में लूटा जा रहा है. राजस्व बढ़ाने अधिक कीमत पर शराब बेचकर गरीब से पैसा लिया जा रहा है. सरकार कोरोना से लड़ाई शराब के पैसे से लड़ना चाहती है. शराब में टैक्स लगा दिया. पहली बार ऐसा हो रहा है कि शराब पर टैक्स कोरोना और गौठान के लिए लिया जा रहा है. अच्छे काम करना है तो पैसे भी अच्छे होने चाहिए. मजदूर के बर्तन बिक रहे है. महिलाओ में गहने बिक रहे है. ये सरकार 5 हजार करोड़ के राजस्व के लिए शराब दुकान खोलकर बैठी है. इसे तत्काल छत्तीसगढ़ में बंद किया जाना चाहिए. कांग्रेस ने अपने जनघोषण पत्र में ये वादा किया था.

रमन सिंह ने कहा कि, एक लाख 60 हजार से ज्यादा मजदूर अलग-अलग राज्यों में भटक रहे हैं. उनके लिए अभी तक सरकार की कोई कार्ययोजना नहीं बनी है.  हम यहां जनता और मजदूरों की पीड़ा को प्रकट करने आये हैं. सरकार किस प्रकार निर्दयतापूर्वक पिछले 40-50 दिन से सिर्फ और सिर्फ बयानबाज़ी कर रही है. केंद्र सरकार से पैसे मांगने के लिए एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने 22 पत्र लिखा है. रोज एक पत्र लिखते है. लेकिन जो प्राथमिक जवाबदारी है उससे भागने का काम भूपेश बघेल ने किया है. थोड़ी भी दया, थोड़ा भी रहम उनके मन में होता, तो छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ ऐसा नहीं करते. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मजदूर भूखे जी रहे है, सड़कों पर पैदल चलते-चलते किसी की जान जा रही है. कोई ट्रक से कुचलकर मर रहा है. हजारों की संख्या में लोग पैदल चलते हुए छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे है. रमन सिंह ने कहा कि हमारी मांग के बाद भी मुख्यमंत्री ने ये नहीं सोचा कि विपक्षी दलों के साथ बैठकर अपनी बनाई गई कार्ययोजना के बारे में जानकारी दें. हमे विश्वास में ले. बीजेपी पूरे प्रदेश में सेवा कार्यों में जुटी हुई है. हम ये करते रहेंगे, इसमें हमें भूपेश बघेल से पूछने की जरूरत नहीं है. सोशल डिस्टेंसिग के साथ हम ये काम कर रहे है. लेकिन सरकार की आज भी कोई कार्ययोजना नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूर भूख मर रहे हैं. कई जगहों से रोजाना फोन आ रहे हैं. इलाहाबाद की सड़कों में मजदूर भीख मांगने पर मजबूर है. लखनऊ और कानपुर में मजदूरों के पैसे खत्म हो गए हैं. खाने के लिए भी दूसरों पर निर्भर हैं. अन्य राज्यों ने अपने यहां के मजदूरो को एक हजार रुपये दे दिया लेकिन छत्तीसगढ़ में मजदूरों के खाते में अब तक पैसे नहीं डाले गए. मजदूरो की सख्या 1 लाख 60 हजार है. लेकिन सिर्फ 800 मजदूरो को 400-400 रुपये दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अद्भुत राज्य है छत्तीसगढ़ दूसरे राज्यों से जो अनुमति लेकर यहां आ रहा है. उन्हें भी बॉर्डर पर रोका जा रहा है. डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि जो पास लेकर पैदल आ रहा हैं उन्हें बगैर जांच के छोड़ा जा रहा है. कोई थर्मल टेस्टिंग नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों की हालत खराब है. धान खरीदी की डिफरेंस की राशि किसानों को नहीं दी गई है. दो साल का बोनस नहीं दिया गया है. ये दिया जाना चाहिए. जिन किसानों को धान खरीदी का टोकन दे दिया गया है. उनसे धान खरीदने की व्यवस्था की जानी चाहिए.

इधर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि कोरोना के लिए लागू किए गए एडवायजरी को ध्यान में रखते हुए शराब दुकान खोले जाने, दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए स्पष्ट कार्ययोजना नहीं होने, धान खरीदी में लेटलतीफी, समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ कल एक दिन का धरना देंगे. यह धरना बीजेपी के नेता-कार्यकर्ता अपने-अपने घरों के बाहर ही देंगे. हम चाहते हैं कि सरकार गरीब जनता के साथ न्याय करे. यही हमारी मांग है.