रायपुर। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की चार सदस्यीय जांच टीम बुधवार को रायपुर पहुंच रही है. टीम तीन दिन रहकर जांच करेगी. टीम में आयोग के दो सदस्य हरिकृष्ण डामोर, चिंतामन इनवते के अलावा दो अधिकारी सत्यदेश शर्मा और राजेश्वर, सहायक निदेशक, अनुसूचित जनजाति आयोग हैं.

टीम 4 अक्टूबर को सुबह रायपुर पहुंचेगी. इसके बाद शाम को टीम बैकुंठपुर जाएगी. यहां से सूरजपुर के ओड़गी जाएगी. इसके बाद 6 तारीख को टीम सूरजपुर पहुंचेगी. वहां कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों से मिलेगी. आयोग की टीम जनजाति के लोगों की लगातार हो रही मौत की वजह की छानबीन करेगी.  यह भी जानने का प्रयास करेगी कि राज्य में उन्हें कैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है. इन सभी लोगों की मौत मौसमी बीमारियों से हुई है.

दरअसल छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में दो महीने के अंदर संरक्षित जनजाति पंडो के 28 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इस मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान में लिया है. लल्लूराम डॉट कॉम ने इसका खुलासा किया था.

ओड़गी के गांवों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पिछले दो महीने में 10 बच्चों समेत 28 से ज्यादा पंडो जनजाति के लोगों की मलेरिया, वायरल फीवर जैसी बीमारियों से मौत हो गई थी. ब्लॉक के ग्राम अवन्तिकापुर, असुरा बांक, पासल, सेमरा, पंडो पारा जैसे गांवों में इन जनजाति के लोग रहते हैं.

पंडो जनजाति विलुप्त होने की कगार पर है जिसकी वजह से इसे संरक्षित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है साथ ही इस संरक्षित जनजाति को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र का भी दर्जा प्राप्त है. इसके बावजूद इन इलाकों में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं कराई गई है. 1 स्वास्थ्य केन्द्र है भी तो वह भी कई किलोमीटर दूर लेकिन बताया जाता है कि वह भी बंद रहता है.

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