रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है उस पर पूरी प्रतिक्रिया तभी दी जा सकती है जब यह पता चले कि कितना पैसा उद्योगों को, कितना व्यापार को, कितना कृषि क्षेत्र को और कितना श्रमिकों को मिल रहा है. कोरोना संकंट से तो अब तक राज्य सरकारें ही जूझ रही हैं. केंद्र ने तो सिर्फ़ आदेश जारी किए हैं.

इस बीच राज्यों की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब हुई है. ऐसे में यह भी देखना होगा कि इस पैकेज में राज्यों को क्या मिलता है. राज्यों को आर्थिक सहायता मिलनी ही चाहिए.

लॉकडाउन के दौरान फ़ैसला करने की स्वतंत्रता राज्यों को मिलनी चाहिए. दिल्ली से छत्तीसगढ़ नहीं दिख सकता. रायपुर में 25 मार्च से कोई कोरोना केस नहीं मिला है लेकिन यह रेड ज़ोन में है. राज्यों को तय करने दीजिए कि रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन में कौन से इलाक़े रहेंगे.

अगर रेल और हवाई सेवाएं शुरु हों तो राज्यों को विश्वास में लें. अगर लोग एकाएक आकर अपने घर जाने लगेंगे तो हमारे किए धरे पर पानी फिरने की आशंका बनी रहेगी.