रायपुर। बैंकों को चूना लगाने वाले कारोबारी सुभाष शर्मा और अन्य के खिलाफ कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर 7 करोड़ 85 लाख रुपए की अचल संपत्ति जब्त की है.

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त की गई अचल संपत्ति में रायपुर के न्यू राजेंद्र नगर सुभाष शर्मा की बहू सौम्या शर्मा के नाम पर जमीन और भवन, रायपुर के शैलेंद्र नगर स्थित सौम्या शर्मा के नाम पर आबंटित एचआईजी प्लाट, रायपुर पुराने धमतरी रोड स्थित जमीन और दुर्ग में उरला स्थित संपत्ति शामिल है. इन संपत्तियों का कुल मूल्य 7 करोड़ 85 लाख 85 हजार 893 रुपए आंका गया है.

प्रवर्तन निदेशालय ने मेसर्स विदित फ्राइट मूवर्स प्रा. लि. के तत्कालीन और पूर्व डायरेक्टर सुभाष शर्मा और विदित शर्मा के खिलाफ सीबीआई द्वारा दिसंबर 2018 में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद अपनी जांच शुरू की थी.

ईडी के अधिकारियों ने जांच में पाया गया कि विदित फ्राइट मूवर्स ने हैदराबाद निवासी दिपेश व्यास के जरिए एक मार्च 2014 को सिविल लाइन स्थित बैंक में क्रेडिट सुविधा के लिए संपर्क किया. जिस पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और एक्सिस बैंक के कंसोर्टिंयम ने 29 मार्च 2014 को 25 करोड़ का क्रेडिट स्वीकृत किया.

जांच में पाया गया कि कर्ज लेने वाली कंपनी को सुभाष शर्मा और विदित शर्मा ही चला रहे थे, जिन्होंने सुनियोजित तरीके से लोन के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार तक तत्कालीन डायरेक्टर और गारंटर के साथ मिलकर भारी-भरकम रकम हासिल की. लोन हासिल करने के बाद अलग-अलग सहयोगी कंपनियों को बांट दिया गया, जिनका कोई व्यवसाय ही नहीं था.

जांच पूरी करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत सुभाष शर्मा से जुड़ी अचल संपत्तियों को अटैच किया है.