दुर्ग। जे. के. लक्ष्मी सीमेंट प्लांट के खिलाफ एक बार फिर किसानों आक्रोश बढ़ते जा रहा है. मंगलवार को प्रभावित सैकड़ों किसानों ने छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में दुर्ग कलेक्टर कार्यालय में जमकर नारेबाजी करके प्रदर्शन किया. किसानों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के आदर्श पुनर्वास नीति के परिपालन में नौकरी के बदले प्रति माह देने वाले क्षतिपूर्ति राशि को पिछले 6 माह से बंद कर दिया गया है.
प्रगतिशील किसान संघ के संरक्षक राजकुमार गुप्ता ने कहा कि जे.के. लक्ष्मी सीमेंट प्लांट के निर्माण के लिए. उत्पादन चालू होने के बाद नौकरी देने का झांसा देकर किसानों के उपजाऊ जमीनों को सस्ती कीमत में खरीदा गया था, लेकिन उत्पादन शुरू हो जाने के बाद भी प्रबंधन ने किसी को भी नौकरी नहीं दिया है. जब प्रभावित किसानों ने आंदोलन किये और सीमेंट प्लांट में आगजनी की घटना हुई तब तत्कालीन कलेक्टर और वर्तमान आयुक्त बृजेश मिश्रा की पहल पर कंपनी प्रबंधन को नौकरी के एवज में छत्तीसगढ़ सरकार के आदर्श पुनर्वास नीति के अंतर्गत राज्य के न्यूनतम पारिश्रमिक के बराबर क्षतिपूर्ति राशि प्रभावित किसानों को हर महीने देना शुरू किया गया था जिसे अप्रैल माह से बंद कर दिया गया है किसानों में इसी कारण से आक्रोश है. किसानों ने 3 अगस्त को भी तत्कालीन अपर कलेक्टर पी एस एल्मा को इसकी जानकारी दिए थे किंतु दो माह तक कोई कार्यवाही नहीं होने से आज पुनः कलेक्टर कार्यालय में गुहार लगाने आये थे.