रायपुर। अजीत जोगी का मेडिकल बुलेटिन जारी कर दिया गया है. मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक अब जोगी के मस्तिष्क को क्रियाशील करने एक और वैज्ञानिक तरीके का प्रयोग किया जा रहा है. जोगी का इलाज अब इंफ्रारेड रेडिएशन के जरिए किया जा रहा है. इसके साथ जोगी का इलाजा ऑडियो थैरेपी से भी चल रहा है. फिलहाल अजीत जोगी का हालत स्थिर बनी हुई है.
जानिए क्या होता इंफ्रारेड रेडिएशन
इंफ्रारेड रेडिएशन को हिंदी में अवरक्त किरणें या अधोरक्त किरणें कहते हैं. यह एक तरह का विद्युत चुंबकीय विकिरण है, जिसका तरंग दूरी(वेवलेंथ) प्रत्यक्ष प्रकाश से बड़ा होता एवं सुक्ष्म तरंग से कम हो। जानकारी के मुताबिक यह मानव द्वारा दर्शन योग्य लाल वर्ण से नीचे(या अध:) होती है. सामान्य शारिरिक तापमान पर मानव शरीर 10 माइक्रॉन की अधोरक्त तरंग प्रकाशित कर सकता है.
क्या है पूरी प्रक्रिया
इस प्रक्रिया के पहले भाग में देखा गया कि मस्तिष्क के विजुअल पार्ट चित्रों को खोजने में किस तरह सक्रिय हो जाते हैं. मध्य स्टेज में दिमाग ‘मेंटल एनिमेशन’ पर जोर देता है, जिसमें निर्धारित आइटम को सचित्र कार्यशील बनाता है. देखा गया है कि इन कार्यो में दिमाग के तीन हिस्से- पेरिएटल (पाश्र्विका), टेंपोरल (लौकिक) और फ्रंटल (ललाट) कार्य करते हैं. आखिर में फ्रंटल और मोटर ब्रेन वाले क्षेत्र इमेजिनिंग के आधार पर सक्रिय होते हैं. इस दौरान सीखने की सभी चीजों को इस्तेमाल में लाया जाता है.
फंक्शनल मैग्नेटिक रिजॉनेंस इमेजिंग को जानें
एफएमआरआइ यानी ‘फंक्शनल मैग्नेटिक रिजॉनेंस इमेजिंग’ ब्रेन एक्टिविटी (मस्तिष्क के क्रियाकलापों) को मापने की प्रचलित तकनीक एमआरआइ का ही एक रूप है. यह ब्लड ऑक्सीजेनेशन और उसके बहाव में होनेवाले बदलावों की पहचान करते हुए कार्य करता है, जो न्यूरल यानी तंत्रिका संबंधी गतिविधियों के कारण होती है. इस तरह का बदलाव खासकर तब होता है, जब दिमाग के सर्वाधिक सक्रिय क्षेत्र में रक्त के बहाव की मात्र बढ़ जाती है. नतीजन दिमाग के उस हिस्से में ऑक्सीजन ग्रहण करने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है.