रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में आने वाले श्रमिकों के कष्टों के बारे में रमन सिंह द्वारा दिए गए बयान को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तथ्यहीन और क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए दिया गया बयान बताया है. उन्होंने कहा कि रमन सिंह द्वारा राज्य के अधिकारियों के घर बैठकर नेटफ्लिक्स देखने का आरोप निहायत गैर जिम्मेदाराना है. उन्हें अधिकारियों कर्मचारियों से माफी मांगनी चाहिए.

सीएम भूपेश ने कहा कि राज्य के सभी जनप्रतिनिधियों अधिकारियों कर्मचारियों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा विगत 3 माह से दिन-रात अथक परिश्रम किया गया. जिसके कारण ही आज राज्य करोना वायरस से निपटने में सफल हो सका है. केंद्र सरकार के साथ ही सारा देश आज छत्तीसगढ़ में करोना से निपटने हेतु किए गए प्रयासों की सराहना कर रहा है। राज्य के अधिकारियों के घर बैठकर नेटफ्लिक्स देखने का आरोप निहायत गैर जिम्मेदाराना है। यह हमारे लाखों अधिकारियों कर्मचारियों का अपमान है जिन्होंने करोना से लड़ाई में योद्धाओं की तरह कार्य किया है। रमन सिंह को अपने कथन के लिए अधिकारियों कर्मचारियों से माफी मांगनी चाहिए. राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में रमन सिंह को चाहिए कि घर बैठे बैठे बेसिर पैर की विज्ञप्ति जारी करने के बजाए करोना पीड़ितों की सहायता करें.

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रमन सिंह यदि राज्य में आने वाले और राज्य से गुजरने वाले श्रमिकों से प्रत्यक्ष में मिलकर उनका हालचाल जानते तो उन्हें यह जानकारी मिल जाती कि छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र राज्य है, जहां बाहर से आ रहे सभी श्रमिकों को भोजन पानी एवं परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. भाजपा शासित राज्यों में रह रहे श्रमिकों के लिए भोजन पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई. जिससे परेशान होकर वे पैदल ही अपने गृह राज्यों की ओर जाने के लिए विवश हो गए.