सुदीप उपाध्याय, वाड्रफनगर। देश में लॉकडाउन-4 लग गया है. इससे मजदूरों का अपना पेट पालन मुश्किल हो गया है. उनकी सारी बचत खत्म हो गई. इन मुश्किल हालत में मजदूरों का सब्र टूट गया. उनके पास अपने घर जाने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है. इसीलिए सड़कों पर हजारों की भीड़ दिखाई दे रही है. सरकारों के तमाम प्रयासों के बाद भी विराम नहीं लगा है.

छत्तीसगढ़ के उत्तर प्रदेश बॉर्डर में मजदूर पहुंच रहे हैं. ये मजदूर छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, बिलासपुर, रायपुर और भाटापारा के रहने वाले हैं. इन लोगों की यहां तक पहुंचने की कहानी बहुत मार्मिक है. उन्होंने बताया कि प्रशासन व पुलिसकर्मियों की सहयोग से उन्हें दो वक्त की रोटी दी गई. ट्रकों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सीमा तक पहुंचाया गया है. उसके बाद उनके घर तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी कर्मवीरों ने की है.

मजदूरों ने बताया कि जब उनके पैसे खत्म हो गए तो अपनी पत्नी व दूध मुंहे बच्चों को लेकर पैदल यात्रा में चल दिए. किसी तरह करके छत्तीसगढ़ बॉर्डर पहुंचे. यहां पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने मजदूरों के लिए दवा, सिर दर्द, बुखार की दवा दिया. इसके बाद सरकार के कर्मवीरों ने उसे सुरक्षित घर तक भेज रहे हैं. एक मजदूर बोले कि ट्रक में बैठकर अपनी मंजिल तय किए हैं. वहीं कई दिन रात को भी जगना पड़ा. ट्रक जितनी दूरी तय किए हैं, वहीं तक जाकर दूसरी गाड़ी का इंतज़ार करना पड़ा.