प्रदीप गुप्ता कवर्धा. कलेक्टर ने जिले के अंतिम छोर अथवा राज्य के प्रवेश द्वार चिल्फी, धवईपानी, चेकपोस्ट का निरीक्षण करते हुए, वहां पहले से उपस्थित अन्य राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों से भेंट कर हाल-चाल जाना. इस दौरान उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों से कबीरधाम जिले के श्रमिकों को गांव तक और दूसरे जिले के श्रमिकों को जिले की सीमा तक बस से पहुंचाने को कहा.

कवर्धा-जबलपुर मुख्य मार्ग के जिले की अंतिम सीमा तथा राज्य के प्रवेश द्वार धवईपानी (चिल्फी) पर कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाव के लिए संचालित बैरियर का कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने शनिवार को निरीक्षण किया. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की जा रही श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कार्यो का जायजा लिया. इस अवसर पर जिला पंचायत के सीईओ विजय दयाराम के, बोड़ला एसडीएम विनय सोनी, जनपद सीईओ जेआर भगत, थाना प्रभारी आनंद शुक्ला, नायब तहसीलदार अमन चतुर्वेदी मौजूद थे.

कलेक्टर से चर्चा में श्रमिकों ने बताया कि वे सभी मध्यप्रदेश के भोपाल से आ रहे है. वे मुंगेली, जांजगीर-चांपा और कबीरधाम जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वे सभी लोग वहां फंसे हुए थे. अपने राज्य की सीमा में पहुंचने के बाद ऐसा लग रहा है कि हम सब अपने घर पहुंच गए है. कलेक्टर ने सभी श्रमिकों को राजाढार स्थित संचालित राहत शिविर में भोजन भी कराया.
कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि अन्य राज्यों से जो भी श्रमिक राज्य की सीमा में पहुंचते है, सबसे पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराएं. इसके बाद सीधे राहत शिविर में लाकर भरपेट भोजन कराएं. प्रवासी श्रमिक अगर कबीरधाम जिले के निवासी है, तो उनका गांव पूछा जाएं और उनके गांव से संबंधित क्वारेंटाईन सेंटर तक बस से पहुंचाए. अगर इस राज्य के अन्य जिले के निवासी है, तो उन सभी श्रमिकों को उनके जिले की सीमा तक बसों के माध्यम से पहुंचाना सुनिश्चित करें.

कलेक्टर शरण ने एसडीएम को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी प्रवासी श्रमिक अथवा नागरिक भूखा नहीं रहना चाहिए. पैदल जाने के लिए बिल्कुल न कहे. अगर तत्काल बस की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो बस के आने का इंतजार करें, उसके बाद उनके गांव अथवा जिले की सीमा तक पहुंचाना सुनिश्चित करें. कलेक्टर ने चेकपोस्ट के अलावा चिल्फी में संचालित दोनों क्वारेंटाईन सेंटर का निरीक्षण करते हुए, दूसरे प्रांतों से आए लोगों से भेंट कर उनका हॉल-चाल जाना और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.