स्पोर्ट्स डेस्क– क्रिकेट में ये परंपरा है कि कोई क्रिकेटर अगर एंट्री करता है और बेहतर खेल दिखाता है तो उसकी तुलना दूसरे बड़े खिलाडियों से होती है, जैसे राहुल द्रविड़ के टीम से जाते ही चेतेश्वर पुजारा में उनका अक्श देखा जाने लगा. ठीक इसी तरह कई खिलाडियों की तुलना उनका खेल देखने के बाद दूसरे बड़े खिलाड़ियों से की जाती है. इन दिनों आकाश चोपड़ा का शो आकाशवाणी काफी सुर्खियों में है क्योंकि इसमें कई दिग्गज खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैंं और अपने क्रिकेट करियर के पुराने रहस्यों से पर्दा उठा रहे हैं. जिसे दर्शक भी खूब पसंद कर रहे हैं।

 

अभी हाल ही में आकाश चोपड़ा के शो आकाशवाणी में अजीत अगरकर ने हिस्सा लिया और उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के कुछ रहस्यों से पर्दा उठाया. ये बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि अजीत अगरकर अपने शुरुआती दिनों में एक बल्लेबाज बनना चाहते थे और उस दौर में अजीत अगरकर को मुंबई का अगला सचिन तेंदुलकर माना जा रहा था. आखिर उन्हें क्यों मुंबई का अगला सचिन तेंदुलकर माना जाता था, इस बात से पर्दा अब खुद अजीत अगरकर ने उठाया है.

अजीत अगरकर कहते हैं कि शुरुआत में तो वो बल्लेबाज बनना चाहते थे. स्कूल के दिनों में रमाकांत सर हम दोनों के कोच हुआ करते थे और उन्होंने मुझमें कुछ देखा था. उन्होंने कहा सचिन तेंदुलकर उनके कोचिंग से निकलने वाला एक बड़ा नाम था. सचिन से पहले प्रवीण आमरे और अन्य कई बड़े नाम थे और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन भी किया था, जहां उनकी एकेडमी से बहुत सारे नाम निकले थे. अगरकर कहते हैं कि शुरुआत में अच्छे रन बनाता था तो लोगों को लगता था कि मैं अगला सचिन तेंदुलकर बन सकता हूं.अब जब 16 की उम्र में आप अच्छा खेले तो आईपीएल खेलने को मिल जाता है लेकिन तब ये राष्ट्रीय टीम में पहुंचने की पहली सीढ़ी होती थी. जब मैं रन बनाता था तो ये संदेश गया कि मुंबई से एक और खिलाड़ी आने में है, लेकिन उस उम्र में आप सिर्फ अपने प्रगति के बारे में सोचते हैं. अगरकर के इस शानदार प्रदर्शन के कारण ही तेंदुलकर ने उन्हें अपना ग्लव्स दिया था.

गौरतलब है कि अजीत अगरकर ने जब टीम इंडिया में एंट्री की थी तो बहुत ही तेजी के साथ वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई थी. अजीत अगरकर को एक अच्छा ऑलराउंडर माना जाने लगा था. अजीत अगरकर टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया से खेलते हुए लॉर्ड्स जैसे मैदान पर शतक लगा चुके हैं, वनडे क्रिकेट में भी अच्छी बल्लेबाजी करते थे और गेंदबाजी में मास्टर तो थे ही.  वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड अजीत अगरकर के नाम है.