रायपुर। कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर तरकार हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मुख्य सचिव आरपी मंडल को मजदूरों की व्यवस्था की बजाए रायपुर के बूढ़ा तालाब की सफाई पर लगाए जाने पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है.  डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सक्षम मुख्य सचिव आरपी मंडल को मजदूरों की व्यवस्था में लगा देना था, सब संभाल लेते. लेकिन बूढ़ा तालाब में जाकर देख लो खड़ा होकर गाद निकाल रहा है. ऐसा लगता है कि गाद कोरोना से ज्यादा बड़ा संकट हो गया है.

महापौर एजाज़ ढेबर का पलटवार

डॉ. रमन सिंह के बयान पर महापौर एजाज ढेबर ने पलटवार करते हुए कहा कि बूढ़ा तालाब का रायपुर की जनता के लिए विशेष महत्व है. इससे हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है. यह हमारी धरोहर, पहचान एवं अस्मिता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि रमन सिंह के 15 वर्षों के कार्यकाल में बूढ़ा तालाब की सफाई एवं सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों का गोलमाल किया गया. आज जब रायपुर की जनता स्वस्फूर्त होकर बूढ़ा तालाब की सफ़ाई के लिए उठ खड़ी हुई तो उनसे बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है. उन्हें अपने ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान के लिए रायपुर की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से आने वाले तथा राज्य के श्रमिकों के लिए जो अच्छी व्यवस्था की गई है, उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री में जरा भी नैतिकता है तो उन्हें भूपेश बघेल की तारीफ़ करनी चाहिए और यदि सलाह देना ही है तो गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को देना चाहिए, जहां मज़दूरों को हर प्रकार की अमानवीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.