इस डिप्टी कलेक्टर को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ केबीसी में हॉट सीट पर बैठने का भी मौका मिल चुका है. इनकी कहानी दूसरों को प्रेरणा देने वाली है.

रोहित कश्यप,मुंगेली। जिले की डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल ने एक शानदार और अनोखी पहल की है. जिसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है. उन्होंने कोरोना संकट काल में अपना अहम योगदान देते हुए सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) तक हर महीने के एक दिन का वेतन ‘मुख्यमंत्री सहायता कोष’ में जमा करने का निर्णय लिया है. सीएम सचिवालय को पत्र भी प्रेषित किया जा चुका है.

डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि कोविड -19 वैश्विक महामारी को देखते हुए प्रदेश के हर कमजोर तबके के लोगों के उत्थान के लिए आर्थिक सहयोग देने का निर्णय लिया है. जिसके लिए उन्होंने सीएम सचिवालय को पत्र लिखकर अपनी इच्छा जाहिर करते हुए अनुरोध किया है कि उनके वेतन से कटौती कर राशि सीधे सीएम फंड में जमा किया जाए.

उन्होंने आगे बताया कि वह तीन सालों से डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ है. वर्तमान में उनकी उम्र 35 वर्ष है. सिविल सेवा में 3 साल होने के बाद 30 सालों की सर्विस अभी शेष रह गई है. अनुराधा ने बताया कि उनका मासिक वेतन 60 हजार रुपए है, जिसका 1 दिन का अंश अब रिटायरमेंट तक मुख्यमंत्री सहायता कोष में जाएगा.

बता दें कि डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल दोनों पैरों से दिव्यांग है और जांजगीर जिले के शक्ति की रहने वाली है. उन्हें 2017 में केबीसी में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठने का भी मौका मिल चुका है. अनुराधा ने 12 सवालों के जवाब देकर 12 लाख 50 हजार रुपये जीती थी. लेकिन अनुराधा की कहानी दूसरे कंटेस्टेंट से कई मायनों में अलग थीं. शो में हिस्सा लेने से कुछ वक्त पहले ही उनकी मां का निधन हो गया था. फिर भी परिवार की सलाह के बाद वो अपने पति के साथ शूटिंग के लिए मुंबई पहुंची थीं.