रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद जोगी का शुक्रवार को रायपुर के श्री नारायणा अस्पताल में निधन हो गया. जोगी के निधन पर त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस समेत छत्तीसगढ़ के तमाम बीजेपी नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. रमेश बैस ने कहा कि अजीत जोगी के निधन की खबर सुनकर सहसा यकीन नहीं हुआ कि आज जोगी जी की जिजीविषा के आगे मौत जीत जाएगी. अजित जोगी का निधन छत्तीसगढ़ राज्य के एक अनमोल रत्न के खोने जैसा है.अजित जोगी के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. इस दुःखद घड़ी में ईश्वर से कामना करता हूं स्व अजित जोगी जी को अपने परमधाम में स्थान दें एवं परिवार को सबल बनाये रखें.

जोगी ने योग्यता के दम पर हर वह मुक़ाम हासिल किया जिसके वे अधिकारी थे : उसेंडी

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि स्व. जोगी ने अपनी योग्यता के दम पर हर वह मुक़ाम हासिल किया जिसके वे अधिकारी थे. वे एक कुशल प्रशासक थे और यह गुण उनके राजनीतिक जीवन में तब बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ जब वे प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोनीत हुए थे. छत्तीसगढ़ का विकास और यहाँ के लोगों का सर्वतोमुखी कल्याण उनकी प्राथमिकताओं में था और इसके लिए वे सतत प्रयत्नशील रहे. उनके निधन से छत्तीसगढ़ को जो अपूरणीय क्षति हुई है, उसकी भरपाई संभव नहीं होगी. उसेंडी ने स्व. जोगी की आत्मा की चिरशांति की प्रार्थना करते हुए जोगी-परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएँ प्रेषित कीं.

हम सबके लिए बड़ी क्षति- कौशिक

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि अजीत जोगी ने भारतीय राजनीति व सामाजिक जीवन सर्वोच्च स्थान को प्राप्त किया था. हम सबके लिये बड़ी क्षति है. जिसकी भरपाई संभव नहीं है.

प्रदेश के विकास की नींव रखी- बृजमोहन अग्रवाल

पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की नींव रखने वाले प्रथम मुख्यमंत्री आदरणीय अजित जोगी जी का निधन छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है. मेरी ईश्वर से प्रार्थना है की उनकी आत्मा को शान्ति तथा परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.

अजीत जोगी ने निधन से बहुत दुखी हूं-  कवि सुरेंद्र दुबे

डॉक्टर सुरेंद्र दुबे ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन से दुखी हूं. उन्होंने ही मुझे एक निजी अखबार के कवि सम्मेलन में रायपुर में सुनने के बाद मंत्रालय में अपना ओएसडी बनाकर नियुक्त किया था, उस समय मैं दुर्ग आयुर्वेदिक अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी था, वे मेरी कविताओं से प्रभावित हुए और मैंने उनसे बहुत सारे प्रशासनिक बातें सीखी जो मुझे जीवन भर याद रहेगी. आज मैं अजीत जोगी जी के निधन से अंदर से बहुत दुखी हूं.