रायपुर. छत्तीसगढ़ सहकारी संस्थाओं के पंजीयक ने भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. उन्हें तीन साल के लिए के लिए उनकी सहकारी संस्था से भी निकाल दिया गया है. पंजीयक ने उन पर गड़बड़ी की शिकायतें सही पाए जाने के बाद ये कार्रवाई की है. पंजीयक ने 58(ख) के तहत उन पर कार्रवाई करने के आदेश भी दिए हैं.
दरअसल, भारतीय किसान संघ, जिला कबीरधाम के अध्यक्ष दानेश्वर सिंह परिहार ने भोरमदेव शक्कर कारखाना में पर्ची जारी करने में पैसे के लेनदेन,भाई-भतीजावाद करते हुए नियमों का उल्लघंन करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी. जिसके बाद कबीरधाम के कलेक्टर ने इसकी जांच अपर कलेक्टर से कराई. अपर कलेक्टर की रिपोर्ट की पड़ताल दुर्ग जिले के उप पंजीयक से कराई गई.
परीक्षण में ये बात भी सामने आई कि 1 जनवरी को भेलीराम चंद्रवंशी ने सुपर एडमिन का लॉगिन और पासवर्ड हासिल कर लिया. इसका बेजा इस्मेताल करते हुए उन्होंने पर्ची का अपडेशन किया. इससे कई किसानों का गन्ना यार्ड में एक-एक हफ्ते तक खड़ा रहा और शक्कर की रिकवरी पर विपरीत असर पड़ा.
जांच में बताया गया कि इससे गन्ना कारखाने को करीब 7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.इसमें पर्ची अपडेशन से संस्था की हानि का प्रमाम 7.03 करोड़ के स्थान पर 28 लाख रुपये परिगणित किया गया.
इस शिकायत पर चंद्रवंशी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. जिसमें उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया. इसके बाद अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन न करने और वित्तीय हानि पहुंचाने का दोषी मानते हुए चंद्रवंशी पर ये कार्रवाई की गई है.