पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद। देवभोग के टिकरापारा में भाजपा के प्रभावशाली नेता के संरक्षण में सुधीर दौरा द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक का संचालन किया जा रहा था. पेशे से फार्मासिस्ट इस शख्स द्वारा क्लिनिक में न केवल दवा वितरण, बल्कि सर्जरी, इंजेक्शन के अलावा अवैध रूप से प्रसव कर जच्चा बच्चा के जान से खिलवाड़ किया जा रहा था. टिकरापारा के दौरा क्लिनिक में हुए प्रसव की एंट्री सीएचसी में मौजूद राष्ट्रीय हेल्थ मैनेजमेंट पंजी में भी हो रहा था.

जानकारी ऑनलाइन थी, इसलिए इस प्रसव की जानकारी लगते ही सीएमएचओ एन आर नवरत्न ने देवभोग प्रशासन के साथ मिलकर छापा मार कर भारी मात्रा में अवैध दवा बरामद किया था. राजनीतिक धौंस दिखाकर टीम को पूरी जांच भी नहीं करने दिया. संचालन से सम्बन्धी कोई दस्तावेज नहीं दिखाया, न ही छापेमारी के बाद जारी सीएमएचओ के नोटिस का कोई जवाब देना जरूरी समझा. राजनीतिक पहुंच के चलते मामले की कार्यवाही धीमी हो गई.

एफआईआर दर्ज करने की चल रही तैयारी

24 अप्रैल के बाद मामला शांत करा दिया गया था. 13 मई को मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करने कांग्रेसी नेता संजय नेताम ने तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावड़े को ज्ञापन दिया. कलेक्टर ने उसी दिन ही सीएमएचओ को पत्र भी जारी कर दिया, पर मामला फिर अटका दिया गया. कलेक्टर ने दोबारा सज्ञान लिया तो 21 मई को सीएमएचओ ने आनन-फानन में दो पत्र बीएमओ देवभोग के नाम जारी कर जानकारी व जांच रिपोर्ट मांगते हुए लिखा था कि 3 दिवस के भीतर जानकारी दी जाए. ताकि सुधीर दौरा के क्लिनिक को पूणतः सील कर एफआईआर दर्ज कराया जा सके. इस आदेश के बाद तीन ड्रग इंस्पेक्टर समेत 5 लोगों की विभागीय टीम ने 26 मई को टिकरापारा व देवभोग पहुंच जांच पूरी किया है. हालांकि इसकी रिपोर्ट सौंपना बाकी है.

एक प्रसूता की हो चुकी है मौत

22 मई को देवभोग बीएमओ डॉ सुनील भारती ने सीएमएचओ को भेजी गई रिपोर्ट में सुधीर दौरा के क्लिनिक में हुए अवैध प्रसव की जानकारी भेजी है. जिसमें उन 12 प्रसूताओं के नाम पता दिया है, जिनका फार्मासिस्ट द्वारा प्रसव अपने क्लिनिक में कराया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि साहसखोल निवासी इच्छावती पति नीलम उम्र 27 वर्ष द्वारा 5 मार्च को सुधीर के क्लिनिक में प्रसव करवाया गया, लेकिन 7 मार्च को उसकी मौत हो गई. 10 अप्रेल को इसी गांव के धर्मिका के प्रसव में मृत बच्चे का जन्म क्लिनिक में होना बताया गया है.