मनोज मिश्रेकर, राजनांदगांव। शहर के पेंड्री में बने कोविड-19 अस्पताल में कोरोना पीड़ित लगभग 36 मरीजों का इलाज चल रहा है. उसी परिसर के मेडिकल कॉलेज में हॉस्टल की छत पर जूनियर डॉक्टरों ने तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजाते हुए शराब और चिकन पार्टी की. जूनियर डॉक्टरों के हल्ले से तंग आकर लोगों ने पार्षद से शिकायत की और फिर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पार्टी बंद करवाई.

कोरोना महामारी के बीच एक जगह पर लोगों को इकट्ठा नहीं होने देने के चलते धारा 144 लागू की गई है और इसका कड़ाई से पालन भी कराया जा रहा है. यही वजह है कि धार्मिक और राजनीतिक रैलियों, प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है. शादी समारोह में अधिकतम 50 व्यक्ति को शामिल होने की इजाजत है तो वहीं अंतिम संस्कार में महज 20 व्यक्तियों को शामिल होने की छूट दी गई है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से जंग में प्रथम पंक्ति पर खड़े जूनियर डॉक्टरों ने राजनांदगांव शहर के पेन्ड्री स्थित कोविड-19 मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से लगे हॉस्टल की छत पर जमकर शराब और चिकन पार्टी की. इस दौरान लगभग 50-60 जूनियर डॉक्टर इस पार्टी में शामिल थे.

वहीं म्यूजिक सिस्टम का शोर लगभग 1 किलोमीटर दूर तक सुनाई दे रहा था. रात लगभग 9 बजे शुरू हुई इस पार्टी की तेज आवाज नवागांव क्षेत्र तक पहुंची तो लोगों ने स्थानीय पार्षद राजा तिवारी को मामले की जानकारी दी और राजा तिवारी ने पुलिस से शिकायत की. जिसके बाद पुलिस ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचकर हॉस्टल नंबर 1 की छत पर दबिश दी और शोर-शराबे से भरी इस पार्टी को बंद कराया. पुलिस को आता देख जूनियर डॉक्टर हड़बड़ा गए और आनन-फानन में वह छत से भागने लगे. पुलिस ने मौके पर शराब और बियर की बॉटल भी बरामद की.

मेडिकल कॉलेज में चल रही पार्टी असल में वर्ष 2014 बैच का कोर्स पूरा होने पर आयोजित थी क्योंकि अब यहां से अलग-अलग शहरों में इन जूनियर डॉक्टरों को भेजा जाना था. इस वजह से जूनियर डॉक्टर काफी दिनों से सामूहिक पार्टी करना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में उन्होंने 1 जून की रात हॉस्टल की छत पर बड़े-बड़े साउंड बॉक्स लगाकर जमकर पार्टी की. मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मामले की सूचना मेडिकल कॉलेज की डीन रेणुका गहने को दी और समझाइश देकर सभी जूनियर डॉक्टरों को छोड़ दिया. इस मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज की डीन रेणुका गहने का कहना है कि इस पार्टी के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्हें पुलिस के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद मामले की पूरी जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है और हर बिंदुओं पर जांच की जा रही है. इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

शहर में लॉकडाउन की वजह से शाम 7 बजे के बाद सन्नाटा पसरा रहता है. ऐसे में इन डॉक्टरों के द्वारा बजाये जा रहे हैं म्यूजिक सिस्टम की आवाज काफी दूर तक आ रही थी. वहीं शराब के नशे में शोर-शराबा करने वाले डॉक्टरों की वजह से लोगों ने मामले की शिकायत की. इसी परिसर के कोविड-19 अस्पताल में 3 दर्जन से अधिक कोरोना पीड़ितों का उपचार चल रहा है. ऐसे में जूनियर डॉक्टरों की इस तरह की हरकत किसी को भी रास नहीं आई. बहरहाल इस मामले में विभागीय जांच चल रही है, वहीं इन जूनियर डॉक्टरों को अपनी सेवाएं देने अब अलग-अलग जिलों में भेजा जा रहा है.