नई दिल्ली। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर एक बार फिर सही साबित हुई है. जीएसटी परिषद ने छोटे कारोबारियों और सर्राफा कारोबारियों को राहत दी है. दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में डेढ़ करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को हर महीने रिटर्न दाखिल करने से छूट मिल गई है. उन्हें अब तीन महीने में रिटर्न भरना होगा. कांउसिल ने ये फैसला लगातार विरोध और व्यापार में आ रही दिक्कतों को कम करने के लिए दिया है.
परिषद ने एक और बड़ी राहत सर्राफा कारोबारियों को दी है. परिषद ने रत्न और गहनों को जीएसटी नोटिफिकेशन के दायरे से बाहर कर दिया है. अब इसके लिए नया नोटिफिकेशन लाया जाएगा.
जीएसटी में तकनीकी समस्याओं को सुलझाने के लिए बनाए गए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स यानि जीओएम के मुखिया सुशील मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है. बैठक खत्म होने के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट कर बताया कि कंपाउंडिंग स्कीम के तहत भी 75 लाख टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है. ऐसे कारोबारी 3 महीने पर कुल बिक्री का एक फीसदी टैक्स जमाकर विवरण दाखिल कर सकेंगे.
कंपाउंडिंग डीलरों को दूसरे राज्यों में माल बेचने का अधिकार और इनपुट सब्सिडी का लाभ देने के लिए 5 सदस्यीय मंत्री समूह के गठन का फैसला हुआ है. सुशील मोदी ने ट्वीट में लिखा है कि रिवर्स चार्ज की व्यवस्था अगले साल 31 मार्च तक स्थगति कर दी गई है. इसके तहत पहले रजिस्टर्ड करदाताओं को अनरजिस्टर्ड आपूर्तिकर्ता से माल खरीदने पर टैक्स देना पड़ता था. अब 31 मार्च तक इससे राहत दे दी गई है.