लक्ष्मीकांत बंसोड़, डौंडी। आदिवासी विकासखंड में इन दिनों लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए डीएफओ सतविशा समझदार बालोद के द्वारा विभिन्न माध्यमों के द्वारा स्वसहायता समूहों के सदस्यों को रोजगार दिलाने के लिए कही महुए का आचार तो कही इमली की चपाती बनवाने का कार्य कराया जा रहा है.विकासखंड के एकता स्व सहायता समूह दिघवाड़ी के सदस्यों के द्वारा अब इमली से चपाती बनाने का कार्य कराया जा रहा है, जिससे लोगों को अब वनोपज का सही लाभ होगा और अपने गांव में ही लोगों को रोजगार मिलने लगा है.

स्व सहायता समूह के सदस्य गैंदलाल मांडवी, निर्मला गावड़े, कविता देवी बताते हैं कि हम लोग स्व सहायता समूहों के माध्यम से पहले तो लोगों के घरों में जाकर इमली की खरीदी सरकारी समर्थन मूल्यों में किये और कुछ इमली वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है.

हम लोग पहले तो इमली से चपाती कैसे बनाना है इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों ने हमें वनधन केंद्र घोटिया जगदलपुर ले जाकर प्रशिक्षण दिलाया. उसके बाद डीएफओ सतविशा समझदार बालोद व डौंडी वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा हमें मशीन उपलब्ध कराया, जिसके बाद हम लोग आज से अपने गाव में ही इमली से चपाती बनाने का कार्य शुरू किया है. इमली से चपाती बनाने की सुरुआत डीएफओ बालोद व डौंडी रेंजर की मौजूदगी में की गई.

डीएफओ सतविशा समझदार का कहना है कि लाकडाउन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को गांव में ही रोजगार मिल जाए इसलिए स्वसहायता समूहों की महिलाओं को महुए से आचार तो कही इमली से चपाती बनवाया जा रहा है. यह विभाग के माध्यम से रोजगार देने का एक सफल प्रयास है. इमली की चपाती बनाते समय सतविशा समझदार डीएफओ बालोद, पुष्पेंद्र साहू रेंजर डौंडी, सीएस भंडारी सहायक परिक्षेत्र अधिकारी अमाङुला, कमलनारायण गौतम, गीतेश यादव और समूह के सारे सदस्य मौजूद रहे.