नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक ऐसी शिक्षिका के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है, जिसे जानकर आप भी कुछ देर के लिए हैरान हो जाएंगे. शिक्षिका एक दो नहीं, बल्कि पूरे 25 स्कूलों को एक साथ फर्जी तरीके से ड्यूटी कर रही थी. कासगंज पुलिस ने शनिवार को आरोपी महिला शिक्षिका अनामिका शुक्ला को गिरफ्तार किया है. वो पिछले एक साल में 1 करोड़ रुपए सरकार से वेतन ले चुकी थी.
जानकारी के मुताबकि आरोपी महिला का नाम अनामिका सिंह है और अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जी नौकरी कर रही थी. अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर कस्तूरबा विद्यालय फरीदपुर में विज्ञान की शिक्षिका के पूर्णकालिक रूप में काम कर रही थी. पुलिस को इसकी बहुत दिनों से तलाश थी. बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर जिले में अनामिका सिंह नाम की शिक्षिका की तलाश की गई तो कस्तूरबा विद्यालय में यह शिक्षिका पाई गई. उसने एक लाख रुपए घूंस देकर फर्जी नौकरी हासिल की थी.
बताया जाता है कि मैनपुरी की रहने वाली अनामिका शुक्ला ने रायबरेली, प्रयागराज, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़ जैसे जिलों के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में तैनात मिली है. यहां टीचरों की नियुक्ति कॉन्ट्रेक्ट पर होती है. शिक्षकों को प्रतिमाह 30 हजार रुपये मानदेय मिलता है. जिले के हर प्रखंड में एक कस्तूरबा गांधी स्कूल है. अनामिका को बीते 13 महीने में 25 केजीबीवी में करीब कुल एक करोड़ रुपये के मानदेय का भुगतान किया गया है.
मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी का कहना है कि विभाग ने जांच का आदेश दिया है. आरोप सत्य होने पर शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वही पुलिस आरोपी शिक्षिका अनामिका को गिरफ्तार कर पूरे मामले की जांच में जुट गई है.