नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ट्विटर पर अपनी गलतियों के लिए दिनोंदिन कुख्यात होते जा रहे हैं. इस बार इमरान खान ने पाकिस्तान के राष्ट्रकवि मोहम्मद इकबाल को गलत उद्धत कर दिया. लोगों ने जब इस गलती को उजागर किया तो इमरान खान ने गलती तो मान ली, लेकिन ट्विटर डिलीट नहीं किया.
ट्विटर पर करीबन सवा करोड़ फालोअर्स वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार सुबह इकबाल के फोटो के साथ उनकी एक कविता को अपने जीवन का मूलमंत्र बताते हुए देश के युवाओं से इस कविता से प्रेरणा लेने को कहा.
This poem by Iqbal reflects how I try to lead my life. I urge our youth to understand and absorb the poem of the great Iqbal and I guarantee them that it will release their great God-given potential that we all possess as His greatest creation Ashraf ul Mukhluqat. pic.twitter.com/oyxkTlMrdc
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 6, 2020
ट्विटर पर इमरान खान को फालो करने वालों ने तत्काल उन्हें गलती बताने लगे. पाकिस्तान के अमेरिका में पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने गलती बताते हुए कहा कि यह बात न तो इकबाल ने कही, और न ही उनके किसी किताब में है.
This poem is not Iqbal’s & is not in any of Iqbal’s books. Probably lifted from the internet, where many amateurs attribute their ‘poems’ to well known poets. Sad that the Prime Minister of Pakistan does not even have a staffer who knows his supposedly favorite poet’s work. https://t.co/rABuJ5OoB9
— Husain Haqqani (@husainhaqqani) June 6, 2020
गलती पाकिस्तानी पत्रकार नाइला इनायत ने भी त्वरित टिप्पणी करते हुए कहा कि जरूरी नहीं है कि सभी वाट्सएप मैसेज पर भरोसा किया जाए. दूसरे ट्विटर यूजर भी इमरान खान को उनकी गलती बताने लगे. मारवी सिरमद ने ट्वीट किया कि पीएम ने फर्जी कवि की कविता को डॉ. मोहम्मद इकबाल की कविता बता रहे हैं. बहुत संभव है कि उन्हें यह कविता अपने किसी सहयोगी से वाट्सएप के जरिए मिली हो, जो अपनी ओर ध्यान खींचना चाह रहे हैं. इमरान खान भगवान के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय का मजाक मत बनवाइए.
Even casual readers of Iqbal’s work could see through and figure out that it was not a poem of the great poet — the diction, the style was not of Iqbal.
The tweet about the poem itself was a bit off.
Could it be that a staffer tweeted it and PM IK had just given his assent?— Salman Masood (@salmanmasood) June 6, 2020
रही-सही कसर पत्रकार हामिद मीर ने पूरी कर दी, जिन्होंने गलती बताने के साथ स्पष्ट किया कि इमरान खान ने जिस कविता का जिक्र किया है, उसे असद मारुफ ने लिखा है. तने सारे ट्वीट के बाद इमरान खान को हकीकत का अंदाजा हो गया और उन्होंने दूसरे ट्वीट में गलती स्वीकार तो किया, लेकिन कविता में कहे शब्दों को अपने जीवन का हिस्सा स्वीकार किया.
इस पर एक अन्य कॉलमनिस्ट मोहम्मद ताकी ने ट्वीट किया कि आप देश के राष्ट्रीय कवि को गलत उद्धत कर रहे हैं, जिससे आप जैसे निरंकुश और बेवकूफ आदमी का तुरंत पर्दाफाश हो गया है. अब इसे सिद्ध करने की कोशिश मत करिए और तुरंत डिलीट करिए.
you misquoted the country’s national poet and got instantly exposed for the unlettered, shallow airhead that you are. Don’t rationalize it, delete the tweet if not your account https://t.co/262wUMx977
— Mohammad Taqi (@mazdaki) June 6, 2020
वैसे बता दें कि इमरान खान पहली बार ट्विटर पर कोई गलती नहीं की है. इसके पहले वे गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की कविता को अमेरिकी-लेबनीज कवि खलील जिब्रान की कविता बताकर पोस्ट कर चुके हैं, और उसके पहले वे बेहतर पड़ोसी देश होने का उदाहरण देते हुए फ्रांस की जगह जापान का जिक्र कर चुके है, इस पर लोगों ने याद दिलाया कि जापान चारों तरफ समुद्र से घिरा देश है, जिसकी जमीनी सीमाएं किसी देश से नहीं मिलती हैं. और उसके पहले उन्होंने अफ्रीका को देश बताकर फजीहत कराई थी, जबकि अफ्रीका महाद्वीप है.