रायपुर. केंद्र सरकार राज्य सरकार से 4 लाख मीट्रिक टन धान और खऱीदेगी. इस बात की जानकारी कृषिमंत्री रविंद्र चौबे ने अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में दी. चौबे ने बताया कि केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने अपने पत्र में इस बात की जिक्र किया है.
गौरतलब है कि अभी केंद्र छत्तीसगढ़ से 24 लाख मीट्रिक टन खरीदती आई है. जबकि छत्तीसगढ़ सरकार बार-बार केंद्र से 32 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का अनुरोध कर रही थी. लेकिन केंद्र नहीं मानी.
इसके बाद जब कोरोना का संकट आया और पीडीएस में चावल देने की ज़रुरत आन पड़ी तो मौका भांपते हुए राज्य सरकार ने फिर से केंद्र से अतरिक्त चावल खरीदने का अनुरोध किया. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान से इसका अनुरोध किया. उन्होंने बाद में इसकी सैद्धांतिक अनुमति दी . बाद में इस आशय का पत्र उन्होंने जारी किया है.
रविंद्र चौबे ने बिजली संशोधन बिल का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी सोच फिर से ज़ाहिर हो गई है. कोरोना के बढ़ते संकट के बीच चौबे ने दावा किया है कि राज्य सरकार कोरोना को काबू में कर लेगी. चौबे ने कहा कि अभी नए मामलों में 95 फीसदी मामले बाहर से आए श्रमिकों के हैं. उन्होंने कहा कि इनका कोरोनेंटाइन का समय पूरा होने को आया है. अब जो कोरोना संक्रमित हैं. उन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है. अभी कुछ मामले और बढ़ सकते हैं लेकिन उसके बाद ये काबू में आ जाएगा. चौबे ने कहा कि एक बार फिर कोरोना संकट के लिए केंद्र सरकार को कसूरवार ठहराया है. चौबे ने कहा कि बोधघाट परियोजना के प्रभावितों को ज़मीन के बदले ज़मीन दी जाएगी.
चौबे ने कहा कि हर ब्लॉक में राजीव भवन के लिए भूमि पूजन का कार्यकम 20 अगस्त को राजीव गांधी की जंयती के मौके पर की जाएगी.चौबे ने केंद्र सरकार के बिजली संशोधन बिल को किसान विरोधी बताते हुए इसे वापिस लेने की मांग की है. उन्होंने कांट्रेक्ट फॉर्मिंग का पूरज़ोर विरोध किया. बीजेपी नेताओं के जनता के बीच जाकर जनसंपर्क अभियान पर चौबे ने कहा कि इसका प्रभाव जनता के बीच नहीं पड़ने वाला. कोरोना को लेकर केंद्र सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए ये किया जा रहा है.