स्पोर्ट्स डेस्क– सचिन तेंदुलकर जब खेलते थे तो उनकी तूती बोलती थी. दुनियाभर में उनके खेल के दीवाने थे. सचिन की बल्लेबाजी के लिए क्रेज़ी थे खिलाड़ी और अब लंबे समय बाद इंग्लैड टीम से इन दिनों बाहर चल रहे तेज गेंदबाज टिम ब्रेसनेन ने दावा किया है कि साल 2011 में ओवल टेस्ट मैच के दौरान सचिन तेंदुलकर अपने 100वें शतक की ओर बढ़ रहे थे और शतक के काफी करीब थे, तभी उनकी गेंदवाज़ी में वो आउट हो गए थे, जिसके बाद वो अपने 100वें शतक के करीब आकर भी शतक पूरा नहीं कर सके थे जिसके बाद उन्हें और उस मैच में अंपायरिंग कर रहे ऑस्ट्रेलियाई अंपायर रॉड टकर को जान से मारने की धमकी दी गई थी.
टिम ब्रेसनेन ने आगे कहा कि ओवल में चौथे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में जब सचिन तेंदुलकर 91 रन बनाकर खेल रहे थे तब उनकी गेंद पर ऑस्ट्रेलियाई अंपायर रॉड टकर ने इस बल्लेबाज को LBW आउट दिया था. टिम ब्रेसनेन ने यॉर्कशर क्रिकेट कवर्स आफ’ पॉडकास्ट के दौरान कहा वो गेंद संभवत: लेग साइड से बाहर जा रही थी और ऑस्ट्रेलिया के अंपायर टकर ने उसे आउट दे दिया था. तब सचिन 80 रन के आसपास खेल रहे थे. अगर वो खेलते रहते तो निश्चित ही 100 पूरा कर लिए होते.
टिम ब्रेसनेन आगे कहते हैं हम दोनों को जान से मारने की धमकी मिली थी. मुझे और उस अंपायर को, इसके बाद कई बार हमें जान से मारने की धमकी मिलती रही. मुझे ट्विटर पर धमकी मिली और उसे लोगों ने उसके घर के पते पर पत्र लिखे. जान से मारने की धमकी के साथ लिखा था कि तुमने उसे आउट कैसे दे दिया? गेंद लेग साइड से बाहर जा रही थी.’
ब्रेसनेन के अनुसार इन धमकियों को देखते हुए टकर को अपनी सुरक्षा बढ़ानी पड़ी थी. उन्होंने कहा कुछ महीनों बाद वह मुझसे मिले और कहने लगे कि दोस्त मुझे सुरक्षा गार्ड रखना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया में उनके घर के आसपास पुलिस की सुरक्षा थी. गौरतलब है सचिन तेंदुलकर इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं. 100वें शतक के लिए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भी थोड़ा इंतज़ार करना पड़ा था.