रायपुर। पॉकेट बुलेटिन में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को केंद्र को पत्र, धार्मिक स्थानों के खुले द्वार, राज्यपाल ने ली अहम बैठक, ऑनलाइन क्लास नहीं कोई फायदा और मोदी सरकार की बड़ी योजना से जुड़ी प्रमुख ख़बरें..इन ख़बरों को यहाँ पढ़ सकते हैं नीचे लिंक कर चंद मिनट में पूरी ख़बर देख सकते हैं.
CM भूपेश बघेल कहा- बिल जनता के ख़िलाफ़
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत संशोधन बिल 2020 को समाज के गरीब तबकों और किसानों के लिए अहितकारी बताया है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री आर.के. सिंह को पत्र लिखकर इस संशोधन बिल को फिलहाल स्थगित रखने का आग्रह किया है. भूपेश बघेल ने केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए संशोधन बिल को लागू करने से पहले सभी राज्य सरकारों से इस पर विचार-विमर्श करने तथा समाज के गरीब तबको एवं जन सामान्य के हितों का ध्यान रखने की बात कही है.
मुख्यमंत्री निवास में गूंजा मंत्रोच्चार
केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक आज से देश भर में धार्मिक स्थान खुल गए हैं. छत्तीसगढ़ में आज मंदिर-मस्जिद-गुरूद्वारा, गिरजाघर खुल गए. वहीं मुख्यमंत्री निवास में भी आज शखनांद और मंत्रोच्चार की गूँज सुनाई दी. 21 पंडितों की ओर से मुख्यमंत्री निवास में विशेष पूजा आयोजित की गई. भूपेश बघेल इस पूजा-अर्चना में शामिल हुए. मुख्यमंत्री बघेल ने इस मौके से पुजारियों-पंडितों और श्रद्धालुओं से कोरोना महामारी के बचाव के लिए मन्दिरों में मास्क और सेनेटाइजर के साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य पालन करने को कहा है.
राज्यपाल ने अधिकारियों की ली समीक्षा बैठक
राज्यपाल ने आज राजभवन में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति एवं उससे बचाव के उपायों एवं राज्य शासन के प्रयासों के संबंध में मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक ली। उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर में अधिक से अधिक टेस्ट किया जाए और यह ध्यान रखें कि कोई भी सेंटर न छूटने पाए।राज्य में कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण से बचने के लिए ठोस प्रयास करें। राज्य के विभिन्न स्थानों में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटरों की व्यवस्था में सुधार करें, वहां महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों की देखभाल की व्यवस्था सुदृढ़ करें, साफ-सफाई रखें और भोजन-पेयजल की उचित व्यवस्था की जाए। प्रत्येक सेंटर में महिलाओं के लिए सेनिटरी पेड का इंतजाम करें। उनकी अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखें। आम जनता ने क्वारेंटाइन सेंटर के हालात के बारे में मुझे सोशल मीडिया तथा पत्र के माध्यम से अवगत कराया, अतएव इन सेंटरों में सुधार की आवश्यकता है।
मोदी सरकार ने बनाया ‘मेगा प्लान’
लॉकडाउन के चलते जिन श्रमिकों ने अपनी नौकरी गंवाई हैं उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार ने एक योजना बनाई है. केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपने राज्यों और गांवों को लौटे करोड़ो प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास और रोजगार के लिए पूरा खाका तैयार किया है. दरअसल केंद्र सरकार ने देश के 6 राज्यों के उन 116 जिलों की पहचान की है जहां लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौटे. मिशन मोड में इन 116 जिलों में केंद्र सरकार की सोशल वेलफेयर और डायरेक्ट बेनिफिट स्कीमों को तेजी चलाया जाएगा. मनरेगा, स्किल इंडिया, जनधन योजना, किसान कल्याण योजना, खाद्य सुरक्षा योजना, पीएम आवास योजना समेत अन्य केंद्रीय योजनाओं पर सरकार का जोर रहेगा. इसके साथ ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान पर भी जोर रहेगा. केंद्र सरकार की तरफ से चयनित 116 जिलों में सबसे ज्यादा 32 जिले बिहार के हैं. उसके बाद यूपी के 31 जिले है. मध्यप्रदेश के 24, राजस्थान के 22 जिले, झारखंड के 3 और ओडिशा के 4 जिले शामिल किए गए हैं.
दिल्ली-एनसीआर में फिर लगे भूकंप के झटके
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिएक्चर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.1 मापी गई. भूकंप का केंद्र गुरुग्राम में था. दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में पिछले डेढ़ महीने में 12 बार भूकंप के झटके लग चुके हैं. पिछले बुधवार को भी कम तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व नोएडा था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 मापी गई थी.
ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को फायदा नहीं
प्रख्यात वैज्ञानिक के. कस्तुरीरंगन का कहना है कि वह ऑनलाइन शिक्षा की अवधारणा के पक्ष में नहीं हैं. उनका कहना है कि प्रत्यक्ष शारीरिक उपस्थित और परस्पर मानसिक जुड़ाव महत्वपूर्ण होता है. इसी से बच्चों में चंचलता और रचनात्मकता आती है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2019 का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष आमने-सामने के संपर्क, बातचीत और विचारों के आदान-प्रदान के पारंपरिक तरीकों पर जोर देते हैं. कोरोना वायरस महामारी के बीच स्कूलों के बंद होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर देश में एक बहस चल रही है. उन्होंने कहा, ‘‘मूल रूप से बच्चों का शारीरिक और मानसिक संपर्क बहुत जरूरी है. चंचलता, रचनात्मकता और कई अन्य चीजें कभी भी ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों में नहीं आ सकती है.’’
देखिए पॉकेट बुलेटिन …