रायपुर।प्रदेश के गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बिलासपुर जिले में संचालित विभिन्न निर्माण कार्यो की समीक्षा की और इन्हें बरसात के पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए। खरीफ फसलों की समीक्षा में उन्होंने कहा कि किसानों को जरूरी आदान सहायता उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने मनरेगा में मजदूरों को भुगतान की भी जानकारी ली। गृह मंत्री आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने प्रभार जिले में काम-काज की समीक्षा कर रहे थे।

मंत्री ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत गौठानों को आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में छायादार पौधे लगाये जाएं। पशुपालन और उपचार आदि कार्य के लिए शेड निर्माण किया जाए। गौठानों के चारों ओर फ्रेसिंग तथा पशुओं के लिए चारागाह विकसित किए जाएं। साहू ने नरवा योजना के तहत नाला बंधान एवं पिचिंग कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देने और नदी किनारे, सड़कों के किनारे सघन वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से फलदार पौधों का वृक्षारोपण कराने के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने पेयजल की समस्या वाले गांवों को चिन्हित कर उन गांवों में सीएसआर, डीएमएफ एवं केन्द्र सरकार की हर-घर नल-जल योजना के तहत पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने की कार्यवाही के निर्देश दिये ।

प्रभारी मंत्री ने आगामी खरीफ सीजन की समीक्षा करते हुए खाद, बीज का पर्याप्त भण्डारण एवं उठाव के निर्देश दिये। उन्होंने किसानों के आय बढ़ाने के लिए धान फसल के साथ-साथ दलहन तिलहन एवं उद्यानिकी फसलों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश के साथ ही अधिकारियों से कहा कि वे कृषि विश्वविद्यालय से संपर्क कर नये किस्म के बीजों एवं तकनीकी के लिए भी प्रेरित करने कहा ताकि कम लागत में अधिक उपज मिल सके।

बैठक में ताम्रध्वज साहू ने कहा कि कोरोना महामारी संक्रमण की रोकथाम के लिए पुलिस अधीक्षक को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी अनुशासन में रहकर संयम से कार्य करें। उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सरपंच, सचिव एवं पटवारी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से युवाओं को स्व रोजगार के लिए आवश्यक प्रशिक्षण एवं बैंकों से अनुदान-ऋण दिलाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने, स्टेडियम का रखरखाव तथा सभी जिलों तथा गांवों में कम से कम एक एकड़ भूमि खेल मैंदान के रूप में आरक्षित रखने के निर्देश दिये।