रायपुर- सूबे की सियासत में बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय के उस बयान की जमकर चर्चा है, जिसमें उन्होंने यह कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार का जीवन कम है. ये सरकार कितने दिनों तक चलेगी यह नहीं कहा जा सकता. पांडेय ने कहा है कि सरकार अपने लोगों से घिर गई है. हालांकि सरोज पांडेय के सियासी बयान के बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार के मंत्रियों के भीतर तालमेल ठीक है? सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ बीजेपी भी सरकार को अस्थिर करने की कोई तैयारी तो नहीं कर रही?

दरअसल मोदी सरकार की दूसरी पारी के एक साल की उपलब्धियों का ब्यौरा लेकर सरोज पांडेय राजनांदगांव में प्रेस कांफ्रेंस कर रही थी. इस दौरान ही उनसे पूछा गया कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर कहीं छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी कोई विभीषण तो नहीं ढूंढ रही है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम विभीषण बनाने नहीं जाते हैं. कांग्रेस को अपना घर संभालना चाहिए. विभीषण तो रावण ही पैदा करता है. सरोज पांडेय ने कहा कि इस सरकार को अपने लोगों का ही समर्थन हासिल नहीं है. ऐसे में यह सरकार कैसे चलेगी.

सरकार पर सियासी बयान देने में सरोज पांडेय ही नहीं बल्कि बीजेपी के कई दिग्गज नेता जुट गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते ही विष्णुदेव साय ने अपनी पहली ही प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा था कि राज्य में अगर आज चुनाव हो जाएं, तो बीजेपी की सरकार बन जाएगी.

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इधर सरोज पांडेय के बयान के बीच कांग्रेस ने ट्विट कर पलटवार किया है. कांग्रेस ने अपने ट्विट में लिखा है कि, जो अपने राजनीतिक जीवन में दुर्ग से रायपुर तक का रास्ता नहीं नाप पाईं, वो छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को गिराने का ख्वाह देख रही हैं. @SarojPandeyBJP जी, जिन कबूतरों ने आपको इशारा किया है उनसे कह देना, कुत्ता-बिल्ली सब पाल लें, ग़लतफ़हमी न पालें. इतनी हिम्मत नहीं अभी.

मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही हैं सरोज- मोहन मरकाम

इधर सरोज पांडेय के बयान पर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने भी तंज कसा है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि सरोज पहले दुर्ग की ही सर्वमान्य नेत्री बन जाए, फिर सरकार बदलने का सपना पाले, वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने वाली कहावत चरितार्थ कर रही है. यदि कांग्रेस की तीन चौथाई बहुमत से निर्वाचित सरकार गिराकर अपने आपको प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में देख रही हैं, तो अपनी इस गलतफहमी को दूर कर लें. यह सरोज पांडेय का दिवा स्वप्न मात्र है. ख्वाब देखना एक और बात होती है, उन्हें साकार करना अलग बात होती है. मरकाम ने कहा कि राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को यह नहीं भूलना चाहिए कि छत्तीसगढ़ की जनता ने 15 साल सत्ता में रही बीजेपी को 15 सीटों में समेटकर अहंकार और गुरूर को चकनाचूर कर दिया.