रायपुर। जांजगीर जिले के सक्ती की रहने वाली मजदूर महिला लॉकडाउन में अपने परिवार के साथ पंजाब में फंसी हुई थी. इस दौरान पति की बीमारी की वजह से मौत हो गई. उसका अंतिम संस्कार करने के बाद घर आने की चाहत थी, लेकिन नहीं आ पा रही थी. तब बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा ने उनकी मदद की. आईजी की विशेष पहल से 5 सदस्यीय परिवार अपनी मिट्टी में कदम रख पाया.

सक्ती निवासी कैलाश रात्रे अपने परिवार के साथ रोजी रोटी कमाने पंजाब के व्यास जिला गया हुआ था. लॉकडाउन के दौरान गंभीर बीमारी के चलते उसकी मौत हो गई. उसका वहीं अंतिम संस्कार कराने के बाद सभी घर लौट जाना चाहते थे. कैलाश के साथ उसकी पत्नी उर्मिला रात्रे, 20 वर्षीय बेटी सरोजनी, 30 वर्षीय दामाद पोखर ओग्रे, 10 वर्षीय पुत्र सरजू और 8 वर्षीय पुत्री सोनिया गए हुए थे. वो  सब लोग भी लॉकडाउन में वही फंस गए.

दूसरे राज्य में इनके फंसे होने की खबर बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा को लगी. जिसके बाद मजदूर परिवार के लिए गाड़ी और खाने-पीने की व्यवस्था कराकर उनको घर तक वापस लाया गया. प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग रास्ते से वाहनों की व्यवस्था कर आईजी ने उनके घर तक पहुंचाया.

अपनी मिट्टी पर कदम रखने के बाद मजदूर परिवार ने प्रदेश की पुलिस और आईजी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि आईजी ने उनका साथ दिया, फोन पर बातचीत करते रहे, वो हमेशा उनका आभारी रहेंगे.