रायपुर। कोरोना को भगाने के लिए अलग-अलग स्थानों से विभिन्न तरीकों के अपनाए जाने के समाचार मिल रहे है. कुछ दिनों पहले ओडिशा के कटक के एक मंदिर में एक युवक की बलि देने, बिहार में कोरोना को कोरोना मईया मान कर उसे खुश करने का सामूहिक अनुष्ठान करने और अब झारखंड के कोडरमा से कोरोना भगाने के लिए अंधविश्वास में पड़कर 400 बकरों की बलि दिए जाने का मामला सामने आया है.
बकरों की बलि देने के दौरान ग्रामीणों ने किसी सुरक्षा, मास्क नहीं लगाया, नाक व मुंह नहीं ढंका, भीड़ जमा हुई. आपसी दूरी भी नहीं बनाई गई और एक के बाद एक 400 बकरों की बलि दे दी. ग्रामीणों को यह समझने की आवश्यकता है. किसी भी पशु की बलि देने से इस प्रकार के अंधविश्वास मानने से कोई संक्रमण नहीं रुकता.
डॉक्टरों और प्रशासन द्वारा बताई जाने वाली सावधानी और दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए, पर जब भी लॉकडाउन खुलता है, लोग तमाम सावधानी छोड़ देते है. संक्रमण को आमंत्रित कर लेते है. इसलिए सतर्क रहें, सुरक्षित रहें.
डॉ दिनेश मिश्र, अध्यक्ष अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति