सत्यपाल राजपूत, रायपुर। पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष के छात्र परीक्षा को लेकर जारी नए-नए आदेश से परेशान हो गए हैं. छात्रों का कहना है कि हम सब चाहते हैं कि परीक्षा हो, लेकिन इसमें होने वाली परेशानी पर बात नहीं हो रही है. थोड़ी सी चूक हम सब भारी पड़ सकती है. परेशान छात्रों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान परीक्षा आयोजित करने से होने वाली समस्या और समाधान को लेकर एक सर्वे किया है. इसकी रिपोर्ट आज कुलपति को सौंप दिया है. इस पर कुलपति ने कहा कि हमें विद्यार्थियों की ज्यादा चिंता है. हम तमाम व्यवस्था करने के बाद ही परीक्षा लेंगे.

कुलपति से मिलने के बाद छात्र बाेले कि परीक्षा हमारा कर्तव्य है, तथा सुरक्षा और सुविधा हमारा अधिकार के नाम से परीक्षा को लेकर सर्वे किया गया, जिसमें मिले सुझाव को आज कुलपति केएल वर्मा को सौंपा गया है. किसी भी छात्र ने परीक्षा दिलाने से इंकार नहीं किया है, लेकिन यूनिवर्सिटी द्वारा परीक्षा आयोजित करने से पहले छात्र भी अपनी कुछ समस्याओं का समाधान चाहते हैं.

छात्रों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसे छात्रों का है जो अपने घरों से दूर शहरों में रहकर पढ़ाई करता है, जब पहली बार लॉकडॉउन का निर्णय लिया गया, तब किसी ने यह कल्पना नहीं की थी की यह वैश्विक महामारी covid-19 इतना भयानक रूप ले लेगी, ना ही किसी ने सोच था कि लॉकडाउन की अवधि इतना बढ़ेगी, इसलिए छात्र अपने घर चले गए और अधिकतर छात्रों की सम्पूर्ण पाठ्य सामाग्री उनके निवास स्थान में ही छूटी हुई है. परीक्षा अचानक आयोजित होने पर छात्रों के परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

राज्य व केंद्र सरकार द्वारा बसों के आवाजाही पर छूट दे दी गई है, लेकिन अभी भी राज्य के अधिकतर जिलों में बस सेवा प्रारंभ नहीं हुई है. इससे निवास स्थान तक पहुंचने में छात्रों को परेशानियां होगी, क्योंकि प्रत्येक छात्र इतना सक्षम नहीं है कि निजी वाहन की व्यवस्था कर सके. इसके अलावा कई ऐसे छात्र हैं जो रोज बसों या ट्रेनों से अपने शिक्षण संस्था तक आते हैं लोकल ट्रेनों और बसों के उचित व्यवस्था के अभाव में उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

तकनीकी पाठ्यक्रम के छात्रों को अंतिम वर्ष या सेमेस्टर में प्रोजेक्ट बनाना होता है, इसलिए प्रोजेक्ट और थीसिस जमा करने की तिथि पर विचार करने की आवश्यकता है. सोशल डिस्टेंसिंग की कितनी भी तैयारियां की जाए पर एक परीक्षा कक्ष में अधिकतम दो ही पर्यवेक्षक की व्यवस्था होगी, जो छात्रों के पास जाकर प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिका वितरित करेंगे. ऐसी छोटी-छोटी कई बातें है जिसको लेकर छात्रों और अभिभावकों के मन में सावधानियों को लेकर बहुत सी आशंकाएं है.

प्रवासी मजदूरों के बढ़ते आवागमन से कॉन्टेन्टमेंट जोन की संख्या में वृद्धि हुई है, कॉन्टेन्टमेंट जोनों से आने वाले छात्रों को सभी छात्रों के साथ परीक्षा लेने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा.