गरियाबंद, लोकेश्वर सिन्हा। प्रेमी-प्रेमिका के हत्या मामले में पुलिस ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा किया है. युवती की हत्या करना वाला कोई अजनबी नहीं बल्कि उसका सगा चाचा और दो भाई निकला. युवती की हत्या के बाद गांव में आत्महत्या की अफवाह फैलाई गई. आरोपियों ने अपनी भतीजी की हत्या के बाद युवक को बेहोशी के हालत में पैरा में छिपा दिया था. जहां दम घुटने से उसकी मौत हो गई. पोर्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के पेट में तीन माह का भ्रूण मिला है. फिलहाल आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर लिया है.
पुलिस ने बताया कि 23 मई को गरियाबंद थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नागाबुडा के मुन्नालाल साहू ने बताया कि मेरी भतीजी दामिनी साहू (19 वर्ष) घर के अपने कमरे में अकेली सोई थी, अंदर से दरवाजा बंद था. बाहर से खटखटाने पर दरवाजा नहीं खोली तो हम लोग दरवाजा को तोड़ कर अंदर गए तो मेरी भतीजी दामिनी साहू अपने बिस्तर में मृत अवस्था में पड़ी थी. मुन्नालाल साहू ने बताया कि मेरी भतीजी ने जहर पिया है और वहां मर गई है. इस सूचना के बाद अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई. पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया, लेकिन यहां से किसी भी प्रकार के जहर के डिब्बा नहीं मिला. इससे पूरा मामला संदिग्ध लगा.
जांच के दौरान ही ग्राम नागाबुड़ा में 24 मई को भूपेन्द्र कंवर का शव पैरावट में संदिग्ध अवस्था में मिला. घटना स्थल को देखने से युवक की मौत संदिग्ध लग रहा था. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. नागाबुड़ा गांव में दो दिन में दो शव मिलने से सनसनी फैल गई थी और दहशत का मौहल था. इस दौरान पता चला कि मृतका दामिनी साहू एवं मृतक भूपेन्द्र कंवर के बीच प्रेम संबंध था. दोनों के प्रेम संबंध होने के कारण ही दोनों आत्महत्या कर लिए होंगे. गांव में भी ऐसी अफवाह फैला दी गई.
एसपी भोजराम पटेल ने मर्ग जांच की डायरी एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मामला संदिग्ध लगने के बाद मुखबीर सक्रिय कर दिए तथा टीम गठित कर हर पहलु को जांच करने का निर्देशित किया. मृतका के परिजनों से पूछताछ करने अलग से टीम बनाया. घटना के दिन से ही घटना स्थल के आस पास एवं गांव में टीम द्वारा विशेष निगरानी की जा रही थी। मामला संदिग्ध होने से मृतका के बड़े भाई अमृत साहू से कड़ाई से पूछताछ में दोनों की हत्या करना स्वीकर कर लिया.
22 मई की रात लगभग 11 बजे दामिनी साहू के कमरे में उसका प्रेमी भूपेन्द्र कंवर को आने की सूचना घर वालों को हो गई, तब मृतका के चाचा मुन्नालाल साहू, बडे़ भाई अमृत साहू एवं फुफेरा भाई सूरज साहू ने कमरे का दरवाजा खोलवाकर दबिश दी तो वहां दामिनी साहू एवं भूपेन्द्र कंवर मिले. दोनों को साथ देखकर तीनों ने उनके साथ मरपीट की और भूपेन्द्र कंवर को हांथ मुक्के एवं डण्डे से मारे, जिससे भूपेन्द्र कंवर बेहोश हो गया. आरोपियों ने दामिनी साहू को पकड़ कर जबदस्ती जहर पीलाये. जिससे थोडी देर में ही दामिनी बेहोश हो गऊ, बेहोशी के हालत में दामुनी को उसके बिस्तर में सुला दिए. भूपेन्द्र कंवर को बेहोशी की हालत में तीनों आरोपियों ने उठाकर उसी के पैरावट में ले जाकर ढक दिए. जहां पर भूपेन्द्र कंवर की दम घुटने से मौत हो गई. रात में आरोपियों ने योजना बनाकर सुनियोजित तरीके से पुलिस थाने में मृतका की मृत्यु की सूचना लिखाने पहुंचे थे.
मृतका के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उसके गर्भाशय में तीन-चार माह का भ्रूण था. भूपेन्द्र कंवर का पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ की उसकी हत्या की गई है. आरोपियों से अलग अलग पूछताछ करने पर तीनों ने घटना को करना स्वीकर किया और आरोपियों से घटना में प्रयुक्त हुआ डण्डा और आरोपियों के निशान देही पर जहर का डिब्बा और मृतक का मोबाइल जब्त किया गया.