हेमंत शर्मा रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने भूपेश सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि बेहतर प्रबंधन होता तो ढाई लाख मजदूरों के खाते में एक-एक हजार रुपये जमा हो जाता. 2 साल के बोनस के लिए किसानों को 18 महीने भटकने की जरूरत नहीं होती.

डॉ. रमन सिंह ने अपने निवास मौलश्री में चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा को राज्य की वित्तीय व्यवस्था के बारे में सोचने का पूरा अधिकार है, क्योंकि हमने 15 साल तक राज्य की वित्तीय व्यवस्था को संभाल कर रखा था. तेरह हजार छह सौ करोड़ का बोनस हमारे शासनकाल में दिया. कभी भी ओवर ड्राफ्ट की स्थिति छत्तीसगढ़ में नहीं पहुंची. विकास के नए कीर्तिमान स्थापित हुए.

उन्होंने कहा कि मैं उपलब्धि नहीं गिना रहा. इस सरकार ने नई पोस्टिंग रोक दी है. एक तरफ बोलते हैं ट्रांसफर नहीं करना है, पर रातों-रात सैकड़ों ट्रांसफर हो रहे हैं. यदि वित्तीय प्रबंधन अच्छा होता तो ढाई लाख मजदूरों के खाते में एक-एक हजार रुपये जमा हो जाता. 2 साल के बोनस के लिए किसानों को 18 महीने भटकने की जरूरत नहीं होती.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भाजपा सत्ता की भूखी है बयान पर पलटवार करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी सत्ता की भूख होती तो मध्यप्रदेश सरकार बनते ही वह इसके प्रयास में लग जाती. हमको कांग्रेस की तुलना में ज्यादा वोट परसेंट मिला था. कांग्रेस के अंदर पनपे विरोधाभास की वजह से वहां पार्टी टूटी. भाजपा ने कहीं भी कोई साजिश नहीं रची है. जब पार्टी में अपमान की पराकाष्ठा हो जाती है तब लोग पार्टी छोड़ते हैं, मध्यप्रदेश में यही हुआ है.