रायपुर। लॉकडॉउन की वजह से छत्तीसगढ में करीब ढाई लाख मजदूरों ने घर वापसी की है. इन मजदूरों के लिए दोबारा पलायन करने की नौबत न आए इसके लिए राज्य सरकार को इन्हें सम्मानजनक रोजगार मुहैया कराने की बड़ी चुनौती है.
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा है कि लॉकडाउन से उपजी स्थितियों को सामना करते हुए उनके विभाग ने लोगों को रोज़गार देने की कार्ययोजना बनाई है. इस पर कुछ ही समय में अमल शुरु हो गया है.
उन्होंने कहा कि रेशम विभाग की ओर से टसर के पौधारोपण में 2 लाख 89 हज़ार मानव दिवसों का रोजगार सृजित किया गया है. इसी तरह 2500 महिला हितग्राहियों को मशीनों के माध्यम से हथकरघा के क्षेत्र में रोजगार मिल सकेगा. हथकरघा विभाग की ओर से 12 हज़ार 600 सौ हथकरघों के माध्यम से 37 हजार बुनकरों को रोजगार देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. 7000 महिलाओं को गणवेश स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से रोजगार मुहैया कराया जा रहा है.
मंत्री ने बताया कि इसके साथ खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से 661 इकाई स्थापित की जा रही है, जिससे करीब 4 हज़ार, माटीकला के माध्यम से 7000 और हस्तशिल्प विभाग में 16 हजार लोगों को रोज़गार दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हजारों लोगों को अमृत मिशन योजना में रोजगार मिलने जा रहा है.