नई दिल्ली। भारत और चीन की सीमा करीबन 45 साल बाद फिर खून से लाल हुई है. इसमें भारत की ओर से 20 जवानों की शहादत की खबर है. पहले जिन तीन जवानों की शहादत हुई थी, उनमें शामिल बिहार रेजीमेंट के कुंदन ओझा महज 14 दिन पहले पिता बने थे. उनके अलावा तेलंगाना के कर्नल संतोष बाबू और तमिलनाडु के हवलदार पलानी भी शहीद हुए थे.

झारखंड के साहेबगंज के रहने वाले रविशंकर ओझा के 27 वर्षीय बेटे कुंदन ओझा ने वर्ष 2011 में बिहार रेजीमेंट ज्वाइन किया था. तीन साल पहले 2017 में शादी हुई थी, और 5 महीने पहले जब घर लौटे थे, तो गर्भवती पत्नी से जल्द लौटने का वादा भी किया था. 14 दिन पहले ही पत्नी ने बेटी को जन्म दिया था. लेकिन पिता का दुर्भाग्य देखिए कि वे अपनी बेटी का चेहरा ही नहीं देख पाए.

सीमा पर शहीद होने वाले तेलंगाना के सूर्यापेंड के रहने वाले कर्नल संतोष बाबू के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी है. कर्नल संतोष ने हैदराबाद के सैनिक स्कूल में पढ़ाई करने के बाद एनडीए के लिए चुन लिए गए थे. वो बीते 18 महीने से लद्दाख में भारत-चीन बॉर्डर पर तैनात थे, और उन्होंने 2 दिसंबर 2019 को 16वीं बिहार रेजिमेंट की कमान संभाली थी.

झड़प में शहीद होने वाले तीसरे शहीद हवलदार के पलानी तमिलनाडु के रामनाथपुरम के रहने वाले थे. उन्होंने हाल ही में नया घर बनाया था, और घरवालों ने गृह प्रवेश भी कर लिया था. परिजनों को पलानी के आने का इंतजार था. एक साल के भीतर वे रिटायरमेंट लेकर हमेशा के लिए घर लौटने वाले थे, लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था.