रायपुर- छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव के करीब साल भर पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का बड़ा सियासी दांव फेंका गया है. जोगी कांग्रेस राजनीतिक रसूख बढ़ाने के लिहाज से 45 दिनों की छत्तीसगढ़ अधिकार यात्रा निकालने जा रही है. दिन भी चुना है, तो राज्य स्थापना दिवस का. यानी जिस दिन बीजेपी सरकार स्थापना दिवस मनाने के लिए जुटेगी, ठीक उस दिन जोगी कांग्रेस की अधिकार यात्रा शुरू होगी. एक नवंबर लेकर 15 दिसंबर तक चलने वाली यात्रा सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में निकाली जाएगी.
जोगी कांग्रेस सुप्रीमो अजीत जोगी ने आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान छत्तीसगढ़ अधिकार यात्रा निकाले जाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अधिकार यात्र विधानसभा के उस घर से निकलेगी, जहां कर्ज के बोझ तले किसानों ने आत्महत्या की है. जोगी ने कहा कि किसानों की समस्या, किसानों के साथ सरकार की धोखाधड़ी, किसानों से वादाखिलाफी, समर्थन मूल्य ना देना, पांच साल का बोनस देने का वादा कर पूरा नहीं करना, 20 लाख बेरोजगार युवाओं को रोजगार ना देकर आउटसोर्सिंग पर भर्ती करना, महिलाओं की अस्मिता की रक्षा ना कर पाना, पूर्ण शराबबंदी जैसे तमाम मुद्दों को लेकर अधिकार यात्रा होगी. इनके अलावा सभी 90 विधानसभा की स्थानीय समस्याएं भी अधिकार यात्रा के दौरान उठाई जाएगी.
अजीत जोगी ने कहा कि अधिकार यात्रा के दौरान प्रदेश के हर एक घर में प्रतीक स्वरूप गुलाबी झंडा दिया जाएगा. प्रदेश के 11 हजार ग्राम पंचायतों में छत्तीसगढ़िया अधिकार पत्र वितरित किया जाएगा. जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़िया अब जाग चुका है. यह आंदोलन छत्तीसगढ़ की राजनीति की दिशा बदल देगा.
किसानों को गंवार समझती है सरकार- जोगी
अजीत जोगी ने कहा कि रमन सरकार ने किसानों को गंवार मानकर नीति बनाई है. यहां का किसान सीधा है, गंवार भी है, बेवकूफ भी है. वादों के आधार पर वोट देता है. तीन सालों में रमन सरकार ने ना जाने कैसे-कैसे वादे किए, लेकिन कोई वादा पूरा नहीं किया. 5 सालों तक बोनस देने का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया. बोनस को त्योहार का रूप दे दिया. फिर से बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं.