रायपुर- धरमजयगढ़ में गणेश हाथी की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. बीजेपी ने अपने आरोप में कहा है कि यह हाथी मरा नहीं है, बल्कि उसे मारा गया है. वन विभाग को पहले से ही पता था कि यह हाथी गणेश ही है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि वन अमले ने हाथी से बदला लिया है. हाथी की हत्या पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. केवल अधिकारियों का ट्रांसफर कर खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके जिम्मेदार लोगों पर एफआईआर दर्ज कर उच्च स्तरीय जांच किए जाने की जरूरत है. बता दें कि राज्य में बीते दस दिनों में छह हाथियों की मौत हो गई है. धरमजयगढ़ में बीते गुरूवार को गणेश हाथी की मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारियों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बताया कि मौत की वजह करंट लगना है.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने हाथियों की मौत पर बयान देते हुए कहा कि हाथियों की लगातार हो रही मौत सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है. राज्य में जानबूझकर हाथियों को मारा जा रहा है. किसके इशारे पर यह किया जा रहा है? हाथियों को क्यों मारा जा रहा है? इसका जवाब सरकार ही दे पाएगी. सरकार ने अधिकारियों का ट्रांसफर कर खानापूर्ति कर दिया, जबकि कार्ऱवाई उसे कहते हैं, जहां ऐसे गंभीर कृत्यों पर नीचे से ऊपर तक जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज किया जाए. उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. इन प्रकरणों में जांच होनी ही चाहिए.
इधर कांग्रेस ने बीजेपी पर उठाया सवाल
कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमेन शैलेष नितिन त्रिवेदी ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि सनसनीखेज बयान देना ठीक नहीं है, उनका बयान गरिमा के अनुरूप नहीं है. धरमलाल कौशिक बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं, नेता प्रतिपक्ष हैं, लेकिन उन्होंने अपने बयानों में कोई तथ्य पेश नहीं किया है. उसकी मौत के बाद सरकार ने जिम्मेदार लोगों को हटा दिया. हाथियों की मौत की जांच सरकार करा रही है. त्रिवेदी ने कहा कि बीजेपी शासन काल में जब से झारखंड और ओडिशा में माइनिंग खुली है, तब से वहां के हाथी छत्तीसगढ़ की ओर विचरण करने लगे हैं. यह हाथी अब आरंग, बारनावापारा के जंगलों तक पहुंच गए हैं. इससे मैन- एलीफेंट कानफ्लिक्ट की स्थिति बन गई है. सरकार ने हाथियों की बसाहट के लिए लेमरू अभ्यारण्य का प्रस्ताव तैयार किया है, लेकिन यहां के बहुमूल्य कोयले पर बीजेपी के बड़े नेताओं की निगाह है. जानबूझकर लेमरू अभ्यारण्य को रोका जा रहा है. शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि गणेश हाथी ने 18 लोगों की हत्या की है. मैं गांव वालों की वेदना और पीड़ा की बात कर रहा हूं, जिनके खेतों में लगी फसलों को हाथी ने कुचल दिया, लोगों की हत्या कर दी. यह कानफ्ल्कि्ट तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक हाथियों के रहने, उनके विचरण की स्थायी व्यवस्था न कर दी जाए।