सुप्रिया पांडे,रायपुर। छत्तीसगढ़ में कम्युनिटी स्प्रेड यानी कोरोना वायरस का खतरा बढ़ गया है. इस कम्युनिटी स्प्रेड को रोकने के लिए रायपुर में स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम घर-घर जाकर कोरोना के लक्षणों की जांच करेगी. राजधानी के 2.64 लाख घरों के लिए टीमें तैयार की जा रही है. इसके लिए 500-500 घरों का एक क्लस्टर बनेगा. इसके साथ ही रायपुर में कोविड-19 टेस्ट अगले महीने से ज्यादा होने लगेगा. एक एक जोन में 5 ग्रिड बनेगा, एक ग्रिड में 500 घरों को शामिल किया जाएगा.

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि राजधानी में हर गली, हर घर में लगातार कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. शहर के 70 वार्ड में से करीब 40 वार्ड प्रभावित हो गए है. कोरोना का सेकेण्ड स्टेज फैलता हुआ दिखाई दे रहा है. इसे कम करने के लिए रायपुर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम को काम विभाजित किया गया है. जोन के हिसाब से हर घर में निगम की टीम जाएगी और उस परिवार की हिस्ट्री खंगालेगी.

उन्होंने कहा कि यदि किसी के घर में किसी सदस्य को सर्दी खांसी है, तो उसकी जांच की जाएगी और जल्द से जल्द इलाज किया जाएगा. जिसमें कोरोना वायरस के थोड़े भी लक्षण नजर आते है, उनकी जांच की जाएगी. इस तरह कोरोना को बढ़ने से रोका जा सकेगा. इसकी शुरुआत 23 जून से की जाएगी.

क्या होता है कम्युनिटी स्प्रेड?

किसी भी बीमारी या महामारी का कम्युनिटी स्प्रेड यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है, जब किसी संक्रमित व्यक्ति के सोर्स का कोई आधार ना हो. यानी आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं, जिसे कोरोना वायरस था, लेकिन आप नहीं जानते थे. जिससे आप भी पीड़ित हो गए हैं. जब किसी इलाके में अधिक संख्या में मामले आ जाएं और लगातार ये संख्या फैलती जाए, तो उसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन कह सकते हैं.